अगर आप एक अच्छे ट्रेडर बनना चाहते हैं तो आपको technical analysis in hindi के सभी आयामों के बारे में पता होना चाहिए |
टेक्निकल एनालीसिस देखने और पढ़ने में भले ही 2 अक्षर का लगे परंतु इसके अंदर बहुत सारी चीजें आती है, जिसकी मदद से ही लोग ट्रेडिंग करके शेयर मार्केट से पैसे कमाते हैं |
जब तक आप share market me technical analysis kaise kare नहीं जान पाएंगे तब – तक आप शेयर मार्केट से पैसे नहीं कमा पाएंगे (ट्रेडर के रूप में) | इसलिए टेक्निकल ऐनालीसिस बहुत ही महत्वपूर्ण चीज है |
देखिए शेयर मार्केट से लोग 2 तरीके से ही पैसे कमाते हैं एक निवेश करके और दूसरा है ट्रेडिंग कर के |
अगर आप निवेश कर के पैसे कमाना चाहते हैं तो उसके लिए आपको फंडामेंटल ऐनालीसिस करना होगा और अगर आप ट्रेडिंग करना चाहते हैं तो उसके लिए आपको technical analysis in hindi सीखना होगा | Fundamental analysis and technical analysis in hindi के अंतर को हम नीचे अच्छे से बताएंगे |
और अगर आपको टेक्निकल अनैलिसिस नहीं आता है तो चिंता न करिए क्यूँकी आज हम आपको इस लेख में technical analysis in hindi की सम्पूर्ण जानकारी देंगे जैसे कि –
technical analysis kya hota hai, technical analysis kaise kare, technical analysis kaise sikhe, technical analysis kise kahate hain, technical analysis kaise karte hain, technical analysis सीख कर इंट्राडे और स्विंग ट्रेडिंग कैसे कर सकते हैं इत्यादि |
Technical analysis kya hota hai | Technical analysis in hindi
टेक्निकल एनालीसिस को हिन्दी में तकनीकी विश्लेषण कहते हैं और टेक्निकल एनालीसिस में स्टॉक के चार्ट और प्राइस को देखकर हम यह अनुमान लगाने की कोशिश करते हैं कि स्टॉक का प्राइस यहाँ से ऊपर जाएगा या नीचे |
| किसी भी शेयर के प्राइस चार्ट को पढ़ने और समझने की प्रक्रिया को ही टेक्निकल एनालीसिस कहते हैं |
टेक्निकल एनालीसिस एक महासागर है जो प्राइस – एक्शन, सपोर्ट – रेसिस्टेंस, indicator, चार्ट पैटर्न और कैंडलस्टिक पैटर्न से मिलकर बना है |
टेक्निकल एनालीसिस में हम शेयर की चार्ट हिस्ट्री को देखकते हैं और चार्ट हिस्ट्री को देखकर आप यह अंदाजा लगाने की कोशिश करते हैं कि वह शेयर कब नीचे आता है कब ऊपर जाता है |
अगर आप किसी शेयर में ट्रेड करना चाहते हैं तो आप उसका पुराना चार्ट उठा कर देखिए और उसे हर तरीके से समझने की कोशिश करिये | जो शेयर जितना पुराना होगा आप उसके चार्ट को उतने अच्छे से अध्ययन कर पाएंगे | आप ऐसे शेयर को उठाइए जो बहुत समय से स्टॉक मार्केट में लिस्ट हो और उसका चार्ट रीडिंग करिए |
आप किसी शेयर के चार्ट को इतने अच्छे से अध्ययन कर लीजिए कि आप उसके चाल – चलन (व्यवहार) को समझ जाईए जिससे आप यह बता सकें कि वह किस महीने में नीचे आ सकता है कब वह शेयर ऊपर जा सकता है |
आखिरकार शेयर को खरीदने और बेचने वाले लोग होते हैं और लोगों का अपना एक स्वभाव होता है, ठीक उसी तरह शेयर का भी एक स्वभाव होता है जो लोगों के खरीदने और बेचने के पैटर्न से तय होता है | अगर आप उस शेयर के स्वभाव को समझ जाते हैं तो आप उसे आसानी से ट्रेड कर पाएंगे |
अगर आप ऊपर लिखी हुई चीज नहीं समझ पा रहे हैं तो आप बस चार्ट में यह देखिए कि वह शेयर कहाँ से ऊपर भागा है और कहाँ से नीचे गिरा है | आप reliance industries का शेयर चार्ट को खोलिए और उसे तब से देखिए जब से वह लिस्ट हुआ है, उसके हर महीने के चाल को देखिए और उसे समझने का प्रयास करिए |
टेक्निकल एनालीसिस क्यूँ करते हैं ?
टेक्निकल एनालीसिस मुख्य रूप से ट्रेडिंग करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है | बहुत सारे day trader और स्विंग ट्रेडर और positional trader भी टेक्निकल एनालीसिस का इस्तेमाल करते हैं |
technical analysis in hindi आपको बहुत चीजों में मदद करते हैं जैसे कि –
- आप टेक्निकल एनालीसिस की मदद से यह निर्णय ले सकते हैं कि शेयर को कहाँ पर खरीदना और बेचना है |
- उस शेयर में आपका कितना स्टॉप – लॉस होगा |
- आप यह देख सकते हैं कि उसमे आपको कितना लॉस और प्रॉफ़िट होगा |
- आप उस शेयर को कब बेच सकते हैं |
- वह शेयर कितना ऊपर जा सकता है |
इन सभी चीजों का पता आप मात्र टेक्निकल एनालीसिस के बारे में जान के कर सकते हैं |
डे ट्रेडर और स्विंग ट्रेडर दोनों ही टेक्निकल एनालीसिस का इस्तेमाल बहुत करते हैं चाहे वह ट्रेंड के बारे में पता करना हो या फिर सही जगह पर एंट्री बनानी हो – दोनों में ही टेक्निकल एनालीसिस बहुत काम आती है |
बहुत सारे इंडेक्स ऑप्शन ट्रेडर, जो निफ्टी और बैंक निफ्टी में ट्रेडिंग करते हैं, वह भी टेक्निकल एनालीसिस का इस्तेमाल करते हैं |
टेक्निकल एनालीसिस से क्या पता चलता है ?
technical analysis in hindi से हमे किसी भी शेयर के प्राइस के व्यवहार के बारे में पता चलता है जिसे अंग्रेजी में price behaviour कहते हैं और ट्रेडिंग में यह सबसे महत्वपूर्ण चीज होती है जिसे price – action trading कहते हैं | आप प्राइस – एक्शन के बारे में जानने के लिए हमारा लेख भी पढ़ सकते हैं |
अगर आप यह खोज रहे हैं कि technical analysis kise kahate hain तो मैं आपको इसका सीधा और सरल जवाब देना चाहूँगा – प्राइस के behaviour को पढ़ना ही टेक्निकल एनालीसिस कहलाता है |
वह पहली चीज जो हमे प्राइस से पता चलता है वो है ट्रेंड और अगर आपको नहीं पता तो मैं आपको बताना चाहूँगा चार्ट में तीन प्रकार के ट्रेंड होते हैं –
- अपट्रेंड – जब प्राइस हाइयर – हाई और हाइयर – लो का पैटर्न बनाते हुए ऊपर जाती है |
- डाउनट्रेंड – जब प्राइस लोअर – हाई और लोअर – लो का पैटर्न बनाते हुए नीचे जाती है |
- साइड वेस – इसमे प्राइस न ऊपर की तरफ जाती है और न नीचे की तरफ जाती है यह एक प्राइस रेंज के बीच में फस जाती है और बिल्कुल साइड वेस रहती है |
ट्रेंड के बाद दूसरी सबसे महत्वपूर्ण चीज जो हमे प्राइस से पता चलती है वह है सपोर्ट – रेसिस्टेंस / डिमांड – सप्लाइ | हमने इन दोनों के ऊपर पूरा लेख लिखा है जिसे आप पढ़ सकते हैं |
पर फिर भी मैं आपको इसके बारे में थोड़ी बहुत जानकारी देता हूँ सपोर्ट और रेसिस्टेंस वह क्षेत्र होता है जहाँ से प्राइस नीचे नहीं जा पाती और ऊपर नहीं जा पाती और जब भी प्राइस ऐसे क्षेत्र को तोड़ती है तो उसे ब्रेकआउट और ब्रेकडाउन कहते हैं और इससे भी ट्रेडिंग की जाती है |
टेक्निकल एनालीसिस कैसे करें | Technical analysis kaise kare
Technical analysis in hindi में बहुत सारी चीजें आती है जो आपस में एक – दूसरे से interlink होती हैं तो जब – तक आप इनके महत्वपूर्ण टर्म को नहीं जान लेते तब – तक आप ठीक से ट्रेडिंग नहीं कर पाएंगे |
तो इसलिए इस वाले खंड में हम आपके सवाल technical analysis kaise karte hain का जवाब विस्तारपूर्वक देंगे जिसमे हम सपोर्ट – रेसिस्टेंस, ट्रेंड का महत्व, चार्ट – पैटर्न, कैंडलस्टिक पैटर्न, वॉल्यूम, ब्रेकआउट – ब्रेकडाउन इत्यादि टर्म के बारे में जानेंगे |
तो चलिए एक – एक करके हम इन सभी टर्म के बारे में विस्तारपूर्वक जानते हैं –
ट्रेंड का महत्व
इसके ऊपर वाले खंड में हमने आपको तीन तरह के ट्रेंड के बारे में बताया है परंतु इस वाले खंड में हम आपको ट्रेंड के महत्व के बारे में बताएंगे जो आपको ट्रेडर के रूप में पता होना चाहिए |
जब भी आपको ट्रेंड का पता लग जाए तो उसके बाद आपको उसी दिशा के ट्रेड ज्यादा आत्मविश्वास के साथ लेना है और अगर आपको विपरीत दिशा का ट्रेड मिलता है तो उसे न लें और गर ले रहे हैं तो अपनी quantity को कम कर के लें |
तो चलिए इसे हम उदाहरण के साथ समझते हैं –
एक ऐसा स्टॉक है जो अप ट्रेंड में है और उसमे अगर आपको ऊपर की तरफ का ब्रेकआउट वाला ट्रेड मिलता है तो उसे आपको ज्यादा आत्मविश्वास के साथ लेना है और वहीं अगर आपको नीचे की तरफ का ट्रेड मिलता है तो उसे आप कम quantity के साथ ले सकते हैं या फिर न भी लें तो चलेगा |
अगर आप ट्रेंड की दिशा वाला ट्रेड लेते हैं तो उसमे आपके सफल होने की संभवनाएं बहुत ज्यादा होंगी बजाए अगर आप नीचे की तरफ का ट्रेड लेते हैं |
सपोर्ट और रेसिस्टेंस
टेक्निकल एनालीसिस में सपोर्ट और रेसिस्टेंस बहुत ही महत्वपूर्ण चीज है, जो आपको ट्रेडिंग में बहुत ही मदद करेगी |
सपोर्ट और रेसिस्टेंस में सपोर्ट एक ऐसा क्षेत्र होता है जहाँ से प्राइस नीचे नहीं जा पाता या यूँ कहे तो सपोर्ट के पास से प्राइस ऊपर की तरफ आती है |
शेयर चार्ट में सप्लाइ एक ऐसा क्षेत्र होता है जहाँ से स्टॉक का प्राइस ऊपर नहीं जा पता या यूं कहे से शेयर नीचे गिरने लगता है |
सपोर्ट और रेसिस्टेंस का निर्माण करने के लिए आपको एक ऐसा क्षेत्र देखना है जहाँ से शेयर का प्राइस कम से कम 2 बार छूकर ऊपर या नीचे गया हो | सपोर्ट – रेसिस्टेंस आपको सीधा भी हो सकता है और inclined भी |
अगर आप सपोर्ट और एसिस्टेंस से ट्रेड करना चाहते हैं तो आपको इनके पास किसी कैंडलस्टिक पैटर्न को बनते हुए देखना है और उसके बाद ही ट्रेड करना है | हमने कैंडलस्टिक पैटर्न पर बहुत लेख लिखा है जिसे आप पढ़ सकते हैं |
कैंडलस्टिक पैटर्न
कैंडलस्टिक पैटर्न को जानने से पहल आपको कैंडल के बारे में जानकारी होना बहुत ही जरूरी है | जब भी आप कैंडलस्टिक चार्ट या मोमबत्ती चार्ट को देखते हैं तो आपको उसमे 2 तरह के कैंडल दिखाई देते हैं |
एक कैंडल लाल रंग की होती है और दूसरी कैंडल हरे रंग की | लाल रंग की कैंडल यह बताती है कि उस समय सीमा में बनी हुई कैंडल का क्लोज़िंग प्राइस उसके ओपनिंग प्राइस से कम है |
और हरी कैंडल हमे यह बताती है कि उस दिन या उस समय – सीमा में बनी हुई कैंडल का क्लोज़िंग प्राइस उसके ओपनिंग प्राइस से ज्यादा है |
हरी और लाल कैंडल हमे उसके बुलिश या बेयरिश होने के बारे में नहीं बताती है | अगर हमे बुलिश और बेयरिश के बारे में जानना है तो उसके लिए हमे उसके पहले वाली कैंडल को देखना पड़ेगा |
इसके ऊपर एक अलग से लेख ही लिखा जा सकता है क्यूँकी एक दिन पहले बनी हुई कैंडल के ओपनिंग और क्लोज़िंग प्राइस से हमे आने वाले समय के बुलिश और बेयरिश होने के बारे में पता चलता है |
जब इन्ही कैंडल को आपस में मिल दिया जाता है तो यह चार्ट में विभिन्न प्रकार के candlestick pattern का निर्माण करते हैं जो ट्रेड करने के काम आती है |
अगर आप technical analysis in hindi सीखकर वाकई में ट्रेडिंग से पैसा कमाना चाहते हैं तो आपको सभी तरह के जरूरी बुलिश और बेयरिश कैंडलस्टिक का ज्ञान होना चाहिए भले ही वह – single candlestick pattern हो, double candlestick pattern हो या triple candlestick pattern हो |
यहाँ पर में आपको कुछ महत्वपूर्ण कैंडलस्टिक पैटर्न के बारे में बता देता हूँ, जिसके बारे में आपको पता होना चाहिए और जो आपको ट्रेडिंग में बहुत मदद करेगी |
सबसे पहले में आपको सिंगल कैंडलस्टिक पैटर्न के कुछ पैटर्न के बारे में बात देता हूँ – हैमर पैटर्न, शूटिंग स्टार पैटर्न, hanging man candlestick pattern, inverted हैमर पैटर्न | ये कुछ महत्वपूर्ण पैटर्न हैं जिनके बारे में आपको पता होना चाहिए |
इनके ऊपर हमने लेख लिखा हुआ है और साथ में ट्रेडिंग स्तरतगे भी प्रदान की है जिसे आप पढ़ सकते हैं |
डबल कैंडलस्टिक में आपको bullish engulfing pattern, bearish engulfing pattern, डार्क क्लाउड कवर एवं piercing pattern के बारे में पता होना चाहिए | यह पैटर आमतौर पर देखे जाते हैं |
रही बात ट्रिपल कैंडलस्टिक पैटर्न की तो इसमे आपको abandoned baby pattern, morning star candlestick pattern, evening star pattern की जानकारी होनी चाहिए |
कैंडलस्टिक पैटर्न के अलावा चार्ट पैटर्न भी technical analysis in hindi का एक अभिन्न हिस्सा है, जिसे टेक्निकल एनालीसिस से नहीं निकाला जा सकता है |
चार्ट पैटर्न
चार्ट पैटर्न भी बहुत प्रकार के होते हैं जैसे कि – continuation chart pattern, reversal chart pattern, consolidation pattern |
वैसे मार्केट में 2 पैटर्न बहुत इस्तेमाल किए जाते हैं, जिसके बारे में मैं आपको इस खंड में बताऊँगा और इन पैटर्न से मैंने भी बहुत ट्रेड लिए हैं और यह बहुत अच्छे से काम करते हैं |
Double Top Pattern
जब प्राइस एक ही जगह पर दो बार आकर रेसिस्टेंस लेती है वहाँ से नीचे जाती है तो ऐसे चार्ट पैटर्न को डबल टॉप चार्ट पैटर्न कहते हैं | अगर आप इसे गौर से देखेंगे तो यह आपको चार्ट में M की आकृति बनाते हुए दिखेगी |
ठीक इसी प्रकार ट्रिपल टॉप पैटर्न भी होता है | इसमे फर्क सिर्फ इतना होता है कि यह 2 बार रेसिस्टेंस न लेकर तीन बार रेसिस्टेंस लेती है |
Double bottom pattern
जब भी प्राइस एक ही जगह पर से 2 बार सपोर्ट लेती है और वहाँ से ऊपर जाती है तो उसे डबल बाटम चार्ट पैटर्न कहते है और यह चार्ट में W की आकृति जैसा दिखता है |
इसके अलावा भी बहुत पैटर्न होते हैं जिसकी मदद से आप ट्रेड कर सकते हैं जैसे कि – flag and pole pattern, triangle pattern, wedge pattern, rounding bottom pattern, rectangle pattern, head and shoulder pattern इत्यादि |
वॉल्यूम | Volume
किसी निश्चित समय – सीमा में की गई शेयर की खरीद – बिक्री को वॉल्यूम कहते हैं | इसे आम तौर पर ट्रेडिंग वॉल्यूम भी कहा जाता है जोकि डेलीवेरी वॉल्यूम से अलग होती है |
वॉल्यूम को चार्ट में हरे और लाल रंग के साथ दिखाया जाता है और यह आम तौर पर नीचे की तरफ रहता है | अगर लाल वॉल्यूम है तो मतलब उस समय सीमा में सेलिंग हुई है और हरा वॉल्यूम है तो खरीदारी हुई है |
वॉल्यूम ट्रेडर को उसके ट्रेडिंग के निर्णय लेने में बहुत ही मदद करती है जैसे कि – अगर किसी निश्चित समय – सीमा में ब्रेकआउट या ब्रेकडाउन हुआ है तो उसका वॉल्यूम पिछले कुछ कैंडल की तुलना में ज्यादा होना चाहिए, तभी उस ब्रेकआउट को सही ब्रेकआउट माना जाएगा |
इसके अलावा वॉल्यूम ट्रेंड की मजबूती का भी एक बहुत ही अच्छा संकेत है | अगर वॉल्यूम पर बात की जाए तो इसके ऊपर एक पूरा लेख लिखा जा सकता है |
तो चलिए अब हम technical analysis in hindi के अगले कुछ बचे हुए टर्म के बारे में जान लेते हैं, जिनका महत्व भी सपोर्ट – रेसिस्टेंस जितना ही है |
ट्रेंडलाइन | Trendline
जब हम तिरछे सपोर्ट और रेसिस्टेंस का निर्माण करते हैं तो उसे ट्रेंडलाइन कहा जाता है और यह अपट्रेंड और डाउनट्रेंड में चल रहे स्टॉक में बहुत ही अच्छे से काम करती है |
ट्रेंडलाइन का इस्तेमाल ट्रेडर सब ट्रेंड की दिशा में ट्रेड लेने के लिए इस्तेमाल तो करते ही हैं पर इसके अलावा यह सपोर्ट – रेसिस्टेंस का अच्छा संकेत देती है एवं ब्रेकआउट और ब्रेकडाउन में भी यह काफी कारगर साबित होती है |
ट्रेडर सब ट्रेंडलाइन के पास कुछ bullish कैंडलस्टिक पैटर्न aur bearish candlestick pattern के बनने का इंसतेज़ार करते हैं उसके अनुसार ट्रेड लेते हैं |
Technical Indicator
technical analysis in hindi में Indicator का भी बहुत महत्व होता है और कुछ ट्रेडिंग स्ट्रैटिजी तो indicator के ऊपर ही आधारित है | इस हिसाब से आप समझ सकते हैं कि technical indicator का कितना महत्व है |
मार्केट में बहुत प्रकार के technical indicator हैं और सबका इस्तेमाल अलग – अलग काम में किया जाता है जैसे कि – moving average और ema ट्रेंड पता करने में काम आता है, RSI से आप स्टॉक के momentum के बारे में पता लगा सकते हैं |
इसके अलावा भी बहुत सारे indicator होते हैं, जिसका इस्तेमाल आप ट्रेडिंग में कर सकते हैं जैसे कि – vwap, macd, bollinger band, pivot, fibonacci retracement इत्यादि |
टेक्निकल एनालीसिस कैसे सीखे | Technical analysis kaise sikhe in hindi
आज के समय में अगर आप कुछ भी सीखना चाहते हैं तो आपके पास बहुत सारे रास्ते हैं जिसका इस्तेमाल कर के आप टेक्निकल एनालीसिस को सीख सकते हैं, तो चलिए एक – एक करके हम सभी तरीकों के बारे में जानते हैं |
टेक्निकल एनालीसिस बुक पढ़कर
यह सबसे आसान तरीका है अगर आप टेक्निकल एनालीसिस के बारे में जानना और समझना चाहते हैं | मार्केट में बहुत सारी technical analysis book in hindi उपलब्ध है, जिसे पढ़ कर आप टेक्निकल एनालीसिस को सीख सकते हैं |
मैं यहाँ पर आपको टेक्निकल एनालीसिस बुक in hindi के नाम दे रहा हूँ जिसे आप पढ़ सकते हैं – The Simplest Book For Technical Analysis (मुकुल अग्रवाल) और टेक्निकल एनालीसिस (शिवपूजन सिंह) |
अगर आप टेक्निकल एनालीसिस का advance version सीखना चाहते हैं तो आपको अंग्रेजी में बहुत किताब मिल जाएंगी, जिसे पढ़ कर आप टेक्निकल एनालीसिस को और अच्छे से जान पाएंगे |
यूट्यूब विडिओ देखकर
किताबों के बाद टेक्निकल एनालीसिस को सीखने का दूसरा जो सबसे अच्छा तरीका है वह है यूट्यूब विडिओ | यूट्यूब में आपको बहुत विडिओ मिल जाएंगी जिसे देखकर आप टेक्निकल एनालीसिस को सीख सकते हैं |
कुछ यूट्यूब चैनल के नाम मैं नीचे दे देता जहाँ से आप टेक्निकल एनालीसिस के बारे में सीख सकते हैं – power of stocks, ghanshyam tech, trading with sidhant, CA Rachana Ranade इत्यादि |
कोर्स लेकर
अगर आप फ्री में नहीं सीख पा रहे हैं तो इसके बाद आपके पास एक ही रास्ता बच है और वह है किसे के technical analysis course in hindi को लेकर सीखना |
ब्लॉग पढ़कर
यह जो आप पढ़ रहे हैं इसे ब्लॉग कहा जाता है और ठीक इसी प्रकार बहुत सारे ब्लॉग इंटरनेट पर उपलब्ध हैं जिसका इस्तेमाल कर के आप technical analysis in hindi को आसानी से सीख सकते हैं |