Price Action Trading in Hindi (Free PDF): एक सफल ट्रेडर बनने की चाभी

क्या आप भी ट्रेडिंग के सब पैतरे आजमा चुके हैं पर ट्रेडिंग नहीं कर पाते हैं तो आज मैं आपको Price Action Trading in Hindi के बारे में बताऊँगा |

आज के इस लेख में हम प्राइस एक्शन की अलग – अलग चीजों को सीखेंगे जैसे कि – प्राइस एक्शन ट्रेडिंग क्या है (price action trading kya hota hai), Price Action Trading secrets क्या हैं इत्यादि |

Table of Contents

प्राइस एक्शन ट्रेडिंग क्या है (Price Action Trading kya hota hai)

प्राइस एक्शन ट्रेडिंग, ट्रेडिंग का एक ऐसा तरीका है जिसमे आप सिर्फ शेयर के प्राइस मूवमेंट को देखकर यह अनुमान लगाते हैं कि शेयर वहाँ से ऊपर जाएगा, नीचे जाएगा या फिर वहीं पर रहेगा |

प्राइस एक्शन ट्रेडिंग एक ऐसी ट्रेडिंग स्टाइल है जिसे दुनिया के बड़े – बड़े ट्रेडर और FII लोग इस्तेमाल करते हैं |

भले ही वो ट्रेडर भारत का हो या फिर कोई बड़ा इन्स्टिच्यूशन हो या कोई हेज फंड (Hedge Fund) ही क्यूँ न हो सब लोग price action trading concepts और price action analysis को ही फॉलो करते हैं |

Price Action Trading concepts और price action trading strategies को अगर आप अपनी ट्रेडिंग में इस्तेमाल करेंगे तो इससे आपकी ट्रेडिंग एक नए मुकाम पर जा सकती है |

Price Action Trading in Hindi

प्राइस एक्शन टेक्निकल ऐनालीसिस का एक अभिन्न हिस्सा है जिसकी मदद से हम स्टॉक/ शेयर को खरीदने और बेचने का निर्णय लेते हैं |

आप प्राइस एक्शन को शेयर ट्रेडिंग में, commodity trading में, Future and Options में और forex Trading में इस्तेमाल कर सकते हैं |

Youtube channel – Trading with Sidhant

प्राइस एक्शन ट्रेडिंग कैसे सीखे? | Price Action Trading kaise sikhe

प्राइस एक्शन ट्रेडिंग सीखने के लिए आपको 7 से 8 चीजों में महारत हासिल करनी होगी जोकि हैं –

  1. ट्रेंड (Trend)
  2. सपोर्ट और रेसिस्टेंस (support and resistance)
  3. कैन्डल्स्टिक पैटर्न (candlestick Pattern)
  4. चार्ट पैटर्न (Chart Patterns)
  5. ट्रेंडलाइन (Trendline)
  6. ब्रेकआउट / ब्रेकडाउन (Breakout/Breakdown)
  7. वॉल्यूम (volume)
  8. डिमांड और सप्लाइ (Demand and Supply)

अगर आप Price Action Trading in Hindi को सीखना चाहते हैं तो आपको इन 8 चीजों के बारे में अच्छे से पता होना चाहिए या यूं कहे तो इनका इस्तेमाल करना आना चाहिए |

यही 8 चीज आपके सवाल price action trading kaise sikhe (how to learn price action trading in hindi) का जवाब है |

अगर आप नहीं जानते हैं कि इसका इस्तेमाल कैसे किया जाता है तो चलिए एक एक करके इन सभी Price Action Trading concepts को सीखते हैं |

ट्रेंड (Trend)

अगर आप Price Action Trading in Hindi को वाकई में सीखना चाहते हैं तो आपको सबसे पहले मार्केट का ट्रेंड पता करना आना चाहिए |  

प्राइस एक्शन ट्रेडिंग का यह सबसे पहला स्टेप है क्यूँकी इसके बाद ही आप सही दिशा में ट्रेड ले सकते हैं |

अक्सर ऐसा होता है कि रीटैलर लोग हमेशा मार्केट के गलत दिशा में होते हैं और अपने पैसे गवाते हैं | ऐसा इसलिए होता है क्यूँकी उन्हे मार्केट का सही ट्रेंड पता नहीं होता है |

मार्केट में तीन तरीके के ट्रेंड होते हैं:

  1. अपट्रेंड (Uptrend) – अपट्रेंड में शेयर का प्राइस हाइयर हाई लगाते हुए ऊपर जाता है |
  2. डाउनट्रेंड (Downtrend) – डाउनट्रेंड में स्टॉक का प्राइस लोअर – लो लगाते हुए नीचे गिरता है |
  3. साइड वेस (Sideways Trend) – साइड वेस ट्रेंड में शेयर का प्राइस एक टाइट रेंज में फस जाता है, न ऊपर जा पता है न नीचे ही या पाता है |
शेयर मार्केट चार्ट कैसे समझे
शेयर मार्केट चार्ट कैसे समझे

सपोर्ट और रेसिस्टेंस (Support and Resistance)

जब आपने मार्केट/शेयर का ट्रेंड पता कर लिया तो अब आपका अगला काम है मार्केट/शेयर का सपोर्ट और रेसिस्टेंस बनाना |

सपोर्ट एक ऐसी जगह होती है जहाँ पर मार्केट या शेयर के प्राइस पर आकर रुक जाता है या यूं कहे तो नीचे नहीं जाता है, पर इसका ये मतलब नहीं हैं कि वह नीचे नहीं जा सकता है |

वहीं दूसरी तरफ रेसिस्टेंस एक ऐसी जगह है जहाँ पर स्टॉक का प्राइस आते ही ऊपर नहीं जा पाता है, रुक जाता है या नीचे आने लगता है |

अब बात आती है कि हमे सपोर्ट और रेसिस्टेंस कैसे बनाना है ?

वैसे हमने इसके ऊपर पूरा लेख लिखा है जिसे आप पढ़ सकते हैं पर फिर भी मैं आपको यहाँ पर शॉर्ट में बता देता हूँ |

Price Action Trading support and resistance levels बनाने के लिए आपको एक ऐसी जगह खोजनी है, जहाँ से शेयर का प्राइस कम से कम दो बार आया हो और ऊपर गया हो | 

जैसे ही आपने सपोर्ट और रेसिस्टेंस बना लिया है तो अब आपको यह देखना है कि जैसे ही शेयर सपोर्ट के पास आता है तो आपको खरीद लेना है |

और जैसे ही शेयर का प्राइस रेसिस्टेंस के पास आ जाता है तो आपको उसे बेच देना है, इसी को Price Action Trading support and resistance strategy कहते हैं |    

कैंडलस्टिक पैटर्न (Candlestick Pattern)

Price Action Trading in Hindi में अब हम उन Price Action candlestick patterns के बारे में सीखेंगे जिसका इस्तेमाल आप अपनी ट्रेडिंग में कर सकते हैं |

प्राइस एक्शन कैंडलस्टिक पैटर्न मैं हम दो कैंडलस्टिक पैटर्न के बारे में सीखेंगे |

  1. Pin bar candlestick pattern (हैमर और शूटिंग स्टार)
  2. Inside candle pattern (बुलिश हरामि/ बेयरिश हरामि)

Pin Bar Candlestick

पिन बार कैंडलस्टिक दो प्रकार के होते हैं एक हैमर होता है और दूसरा शूटिंग स्टार पैटर्न होता है |

Price Action Trading in Hindi में इन दोनों पैटर्न को इस्तेमाल करने का तरीका अलग – अलग होता है |

हैमर और शूटिंग स्टार कैंडलस्टिक पैटर्न का इस्तेमाल मुख्य रूप से सपोर्ट और रेसिस्टेंस के पास किया जाता है |

जब आपको सपोर्ट के पास हैमर कैंडल बनता हुआ दिखाई देता है तो आप वहाँ पर एक बुलिश ट्रेड ले सकते हैं |

और अगर कहीं पर आपको रेसिस्टेंस के पास शूटिंग स्टार कैंडलस्टिक पैटर्न दिखता है तो वहाँ पर आप कान्फर्मैशन के बाद शॉर्ट ट्रेड ले सकते हैं |

इन्साइड कैंडलस्टिक पैटर्न (Inside candlestick pattern)

इसमे भी हमारे दो कैंडलस्टिक पैटर्न होते है और अगर मैं आपको एक राज कि बात बताऊँ तो दुनिया के बड़े – बड़े hedge fund मैनेजर इस कैंडलस्टिक पैटर्न का इस्तेमाल करते हैं |

Price Action Trading in Hindi में इसका इस्तेमाल भी दूसरे तरिके से होता है |

प्राइस एक्शन ट्रेडिंग में इन्साइड कैंडल (inside candle) को एक कन्टिन्यूऐशन पैटर्न (Continuation Pattern) कि तरह ट्रेड किया जाता है |

चूंकि इन्साइड कैंडल में बुलिश और बेयरिश हरामि पैटर्न आ जाते हैं तो बहुत लोग इसे रीवर्सल पैटर्न कि तरह भी ट्रेड करते हैं |

पिन बार और इन्साइड कैंडल के अलावा एक और कैंडलस्टिक पैटर्न है जिसका इस्तेमाल ट्रेडर बहुत करते हैं, उसका नाम है एंगलफिनग पैटर्न (bullish engulfing/ bearish engulfing) |

यह सभी हमारे महत्वपूर्ण Price Action Trading candlestick pattern हैं, जिसका इस्तेमाल हम अपनी ट्रेडिंग में कर सकते हैं |

चार्ट पैटर्न (Chart Pattern)

Price Action Trading in Hindi के इस खंड में हम उन महत्वपूर्ण चार्ट पैटर्न के बारे मे जानेंगे जिसका इस्तेमाल आप ट्रेडिंग में कर सकते हैं |

वैसे तो बहुत सारे चार्ट पैटर्न होते है पर उन सभी का इस्तेमाल आप हर जगह और बार – बार नहीं कर सकते हैं |

कुछ ही ऐसे पैटर्न हैं जिसका इस्तेमाल आप बार – बार एवं बहुत जल्दी कर सकते हैं, क्यूँकी यह पैटर्न अक्सर बन ही जाते हैं |

डबल टॉप (double top chart pattern) एक ऐसा ही चार्ट पैटर्न है, जो आपको काफी बार देखने को मिल जाएगा और इस पैटर्न से आप शॉर्ट ट्रेड ले सकते हैं |

डबल टॉप के जैसा ही डबल बाटम (Double Bottom) पैटर्न होता है जो डाउन ट्रेंड एक बाद बनता है और इससे आप बुलिश ट्रेड ले सकते हैं |

Price Action Trading concepts
Price Action Trading concepts

अगर आपको डबल बाटम चार्ट पैटर्न RSI divergence के साथ मिल जाए तो, यह एक तरह का डबल confirmation होता है, जिसमे आप बाटम के पास ही बुलिश ट्रेड ले सकते हैं |

ऐसा ट्रेड आप तभी ले जब आपको मार्केट में थोड़ा समय हो गया हो या आपने बहुत सारे चार्ट पैटर्न देखें हो |

मैंने ऐसे बहुत सारे ट्रेड लिए हैं और चार्ट पैटर्न देखें हैं इसलिए मैं आपको यह बता पा रहा हूँ |

आप कोई भी ट्रेड लेने से पहले उसका बैक टेस्ट कर लीजिए तब जाकर आप उस पैटर्न पर ट्रेड कीजिए | याहि हमारे महत्वपूर्ण Price Action Trading chart patterns हैं |  

ट्रेंडलाइन (Trendline)

ट्रेंडलाइन भी सपोर्ट और रेसिस्टेंस की तरह ही होती है और Price Action Trading in Hindi में अब हम इसी के बारे में जानेंगे |

ट्रेंडलाइन एक तरह का सपोर्ट और रेसिस्टेंस ही होता है परंतु आढ़ा – तिरछा सपोर्ट और रेसिस्टेंस |

अपट्रेंड जब आप ट्रेंडलाइन सपोर्ट बनाएंगे तो आपका सपोर्ट हाइयर – हाई ट्रेंड में बनेगा | इसका मतलब यह हुआ कि आपका सपोर्ट प्राइस – पिछले सपोर्ट से ज्यादा होगा |

वहीं जब आप डाउन ट्रेंड में ट्रेंडलाइन रेसिस्टेंस बनाएंगे तो आपका रेसिस्टेंस लोअर – लो में बनेगा | इसमे आपका अगला रेसिस्टेंस प्राइस पिछले वाले रेसिस्टेंस प्राइस से कम होगा |

अब बात आती है कि आपको इसका इस्तेमाल कैसे करना है ?

जब आपको सपोर्ट और रेसिस्टेंस के पास कोई भी बुलिश या बेयरिश कैंडलस्टिक बनती हुई दिखाई देती है तो आप उसमे ट्रेड ले सकते हैं |

ब्रेकआउट / ब्रेक डाउन (Breakout / Breakdown)

Price Action Trading in Hindi के इस भाग में हम ब्रेकआउट और ब्रेकडाउन के बारे में सीखेंगे, जिसका इस्तेमाल हम price action trading strategy in hindi में कर सकते हैं |

अब बात आती है कि ब्रेकआउट और ब्रेकडाउन होता क्या है ?

जब किसी शेयर का प्राइस अपने रेसिस्टेंस के पास आता है और उसे तोड़ कर ऊपर निकल जाता है इसे हम ब्रेकआउट कहते हैं |

वहीं जब किसी शेयर का प्राइस अपने सपोर्ट के पास आकर उसे नीचे की तरफ तोड़ता है तो इसे हम ब्रेकडाउन कहते हैं |

ब्रेकआउट और ब्रेकडाउन कभी भी एक बार में नहीं होगा और अगर पहली बार में ही ब्रेकआउट और ब्रेकडाउन होता है तो उसके गलत होने की संभावना ज्यादा होती है |

इसलिए अगर आप ब्रेकआउट/ब्रेकडाउन पर ट्रेड लेना चाहते हैं तो आपको यह देखना है कि प्राइस ब्रेकआउट के पहले consolidate करना चाहिए या फिर अपने सपोर्ट और रेसिस्टेंस को 3 से 4 बार टेस्ट किया हुआ होना चाहिए |

जब आपको यह दोनों कन्डिशन (condition) मिलती हुई दिखाई देती है तो आप उसे ट्रेड कर सकते हैं |

वॉल्यूम (volume)

अब हम Price Action Trading in Hindi के सातवें पड़ाव में आ गए हैं और इसमे हम Price Action Trading with volume को देखेंगे |

एक दिन में या फिर किसी भी टाइम फ्रेम में शेयर में हुई खरीद बिक्री को वॉल्यूम कहा जाता है |

वॉल्यूम का इस्तेमाल हम ब्रेकआउट/ ब्रेकडाउन के साथ कर सकते हैं और यह एक बहुत ही अच्छी Price Action Trading strategy हो सकती है |

वॉल्यूम की कैन्डल दो प्राकार की होती हैं एक हरी (जो buying को दर्शाती है) और दूसरी लाल (जो सेलिंग को दर्शाती है)

जब ब्रेकआउट और ब्रेकडाउन एक बहुत ही बड़े वॉल्यूम के साथ होता है तो आप उसमे अपना ट्रेड ले सकते है |

आपको इसमे यह ध्यान रखना है कि ब्रेकआउट और ब्रेकडाउन के पहले का वॉल्यूम कम होना चाहिए, तभी वह ब्रेकआउट सही माना जाएगा |

डिमांड और सप्लाइ (Demand and Supply)

डिमांड और सप्लाइ एक तरह का सपोर्ट और रेसिस्टेंस ही है परंतु दोनों में बहुत अंतर होता है |

जहाँ पर सपोर्ट और रेसिस्टेंस एक प्राइस लेवल को कहा जाता है वहीं डिमांड और सप्लाइ एक तरह का प्राइस ज़ोन होता है | यही सबसे बड़ा अंतर है सपोर्ट रेसिस्टेंस एवं डिमांड और सप्लाइ में |

डिमांड और सप्लाइ ज़ोन एक ऐसा जगह होता है जहाँ से शेयर का प्राइस ऊपर और नीचे जाता है |

जैसे ही शेयर का प्राइस उस ज़ोन पर आए आप उसे वहाँ पर खरीद बेच सकते हैं | यही हमारा Price Action Trading strategy supply & demand zones है |

पर बात आती है कि डिमांड और सप्लाइ ज़ोन को कैसे पता कर सकते हैं | demand and supply trading पर हमने पूरा लेख लिखा है जिसे आप पढ़ सकते हैं |

Price Action Trading Course in Hindi

अगर आप ऑनलाइन सीखना चाहते हैं तो आपके पास बहुत सारे प्लेटफॉर्म हैं जहाँ से आप price action trading course ले सकते हैं |

कुछ निम्नलिखित ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के नाम जहाँ से आप Price Action Trading course in Hindi कर सकते हैं –

  1. Udemy
  2. Elearnmarkets

अगर आप price action trading course udemy से करना चाहते और वो भी हिन्दी भाषा में तो आपके पास 3 विकल्प हैं |

Price Action Trading course on udemy
Price Action Trading course on Udemy

रही बात price action trading course fee की तो इन सभी कोर्स के दाम 499 रुपए है |

मैंने इन तीनों में से कोई कोर्स नहीं किया हूँ तो मैं आपको यह नहीं बता सकता कि कौन सा अच्छा है परंतु आप रेटिंग और रिव्यू (price action trading course review) से ले सकते हैं |

मैंने जितना भी प्राइस एक्शन ट्रेडिंग सीखा है वह सब फ्री में अलग – अलग जगह से और चार्ट देख – देख कर सीखा है |

यदि आप ये लेख को अच्छे से फॉलो करते हैं और खुद से चार्ट पर अभ्यास करते हैं तो आप प्राइस एक्शन ट्रेडिंग आसानी से सीख सकते हैं |

एक चीज मैं आपको बताना चाहूँगा और वह यह है कि “आपको ट्रेडिंग कोई नहीं सिखा सकता | ट्रेडिंग के बारे में आपको लोग बता जरूर सकते हैं परंतु ट्रेडिंग आप खुद करके ही सीख सकते हैं”

इसके अलावा आप Elearnmarket पर भी ट्रेडिंग का कोर्स सीख सकते हैं | वहाँ पर आपको ढेरों कोर्स मिल जाएंगे |

आपको प्राइस एक्शन ट्रेडिंग पर कोई कोर्स नहीं मिलेगा आपको elearnmarket पर टेक्निकल ऐनालीसिस का कोर्स करना पड़ेगा |

प्राइस एक्शन ट्रेडिंग टेक्निकल ऐनालीसिस का एक भाग है और यह इसी के अंदर ही आता है | यही कुछ Price Action Trading course in India में मौजूद हैं |  

Price Action Trading in Hindi PDF free Download

प्राइस एक्शन और टेक्निकल ऐनालीसिस में क्या अंतर है?

टेक्निकल ऐनालीसिस एक पेड़ है और वहीं दूसरी तरफ प्राइस एक्शन उस पेड़ की टहनी है |

टेक्निकल ऐनालीसिस में आपको बहुत चीजों का ज्ञान होना चाहिए जैसे कि – indicator क्या होते हैं, कितने होते हैं, कैंडलस्टिक क्या है, कितने प्रकार के कैंडलस्टिक पैटर्न होते हैं इत्यादि |

वहीं दूसरी तरफ प्राइस एक्शन ट्रेडिंग में आपको ट्रेंड, कुछ चुनिंदा कैंडलस्टिक पैटर्न एवं सुपोर्ट – रेसिस्टेंस के बारे में पता होना चाहिए, प्राइस एक्शन ट्रेडिंग में indicator का इस्तेमाल होता नहीं है |

परंतु कुछ ऐसे ट्रेडर भी हैं जो प्राइस एक्शन ट्रेडिंग में indicator का भी इस्तेमाल करते हैं कान्फर्मैशन और टारगेट के लिए |

price action trading vs technical analysis में अगर आप किसी एक से शुरुआत करना चाहते हैं तो आपको सबसे पहले टेक्निकल ऐनालीसिस पर फोकस करना चाहिए |

जब आप टेक्निकल ऐनालीसिस को थोड़ा बहुत सीख जाएँ तो उसके बाद आप प्राइस एक्शन ट्रेडिंग के बारे में सीख सकते हैं |

अगर आप टेक्निकल ऐनालीसिस पहले सीख जाएंगे तो आपको प्राइस एक्शन सीखने में जयद समय नहीं लगेगा |

Price Action Trading book in hindi

वैसे अगर आप अंग्रेजी में प्राइस एक्शन पर किताब खोजने जाएंगे तो आपको बहुत सारी किताबें मिल जाएंगी |

परंतु जब आप price action book in hindi में खोजेंगे तो आपको गिन – चुन के मात्र 2 से 3 किताब ही मिलेंगी |

  1. प्राइस एक्शन ट्रेडिंग: Indrazith Shantharaj
  2. Price Action Trading technical analysis simplified: Sunil Gurjar

अगर आप यह दोनों किताब खरीदना चाहते हैं तो आप इन दोनों के ऊपर क्लिक करके इन्हे खरीद सकते हैं |

प्राइस एक्शन ट्रेडिंग करने के लिए कैसी स्ट्रैटिजी कारगर है?

अगर आप price action strategy खोज रहे हैं, जिसकी मदद से आप प्राइस एक्शन ट्रेडिंग कर सकें तो यह खंड आपको उन्ही स्ट्रैटिजी के बारे में बताएगा |

Price Action Trading Strategy in Hindi

  1. ब्रेकआउट / ब्रेकडाउन
  2. कैंडलस्टिक पैटर्न
  3. सपोर्ट और रेसिस्टेंस

मुख्य रूप से देखा जाए तो ट्रेडर लोग इन्ही 3 तरीके से प्राइस एक्शन ट्रेडिंग करते हैं | वैसे इन तीनों के बारे में मैंने ऊपर जानकारी दी हुई है, जिसका इस्तेमाल करके आप ट्रेडिंग कर सकते हैं |

ब्रेकआउट और ब्रेकडाउन में जब शेयर आपण सपोर्ट और रेसिस्टेंस को तोड़ता है तो आप उसमे ट्रेडिंग कर सकते हैं |

कान्फर्मैशन के लिए आप वॉल्यूम का इस्टमाल कर सकते हैं |

कैंडलस्टिक पैटर्न में आप पिन बार और और inside candle का इस्तेमाल करके ट्रेडिंग कर सकते हैं |

सपोर्ट और रेसिस्टेंस में जब शेयर का प्राइस सपोर्ट/रेसिस्टेंस पर आकर कोई कैंडलस्टिक पैटर्न बनाता है तो आप उससे भी ट्रेड ले सकते हैं |

प्राइस एक्शन ट्रेडिंग और इन्डिकेटर में क्या अंतर है?

टेक्निकल ऐनालीसिस में जीतने भी इन्डिकेटर हैं वह सब के सब प्राइस को ही फॉलो करते हैं और कुछ इन्डिकेटर ऐसे भी हैं जो प्राइस मूवमेंट होने के बाद बनते हैं |

अगर आप price action indicator की मदद से प्राइस एक्शन ट्रेडिंग करना चाहते हैं तो आप कुछ इन्डिकेटर का इस्तेमाल कर सकते हैं जैसे की –

RSI (Relative Strength Index), EMA (Exponential Moving Average), Bollinger bands, इत्यादि |

Price Action Trading vs indicators में आप प्राइस एक्शन पर ज्यादा जोर दीजिए और इन्डिकेटर को कान्फर्मैशन के लिए इस्तेमाल करिए |

Price Action Trading Timeframe

आप प्राइस एक्शन ट्रेडिंग को किसी भी टाइमफ्रेम में इस्तेमाल कर सकते हैं | प्राइस एक्शन हर टाइम फ्रेम में काम करती है |

अगर आप इंट्राडे ट्रेडर हैं तो आप Price Action Trading 1 min chart पर सकते हैं | इसके अलावा आप Price Action Trading 5 min chart का भी इस्तेमाल कर सकते हैं |  

अगर आप स्विंग ट्रेडिंग करना चाहते हैं तो आप 1 घंटे से 1 दिन के टाइम फ्रेम का इस्तेमाल कर सकते हैं |

वहीं दूसरी तरफ अगर आप positional trading करना चाहते हैं तो वीकली टाइम फ्रेम का इस्तेमाल कर सकते हैं |

FAQ

प्राइस एक्शन ट्रेडिंग करने के लिए क्या – क्या आना चाहिए |

प्राइस एक्शन ट्रेडिंग करने के लिए आपको सपोर्ट – रेसिस्टेंस, सप्लाइ – डिमांड, कैन्डलस्टिक पैटर्न एवं चार्ट पैटर्न का ज्ञान होना चाहिए |

प्राइस एक्शन ट्रेडिंग कब शुरू करना चाहिए ?

जैसे आपको सपोर्ट – रेसिस्टेंस और पैटर्न आने लगे वैसे ही आप प्राइस – एक्शन आप शुरुआत से ही करना चालू कर सकते हैं |

मेरा नाम कौशल कुमार है और मैं इस वेबसाईट bharatinvestingerabykaushal का संस्थापक हूँ | मैं इस वेबसाईट के माध्यम से आप सभी को शेयर मार्केट की बारीक जानकारियों को बताना चाहता हूँ जिससे आप भी शेयर मार्केट से पैसे कमा सकें | मैं शेयर मार्केट में काफी समय से काम कर रहा हूँ और मेरा उद्देश है कि अपने अनुभव को आप तक पहुंचा सकूँ |

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