RSI Trading Strategy in Hindi

आप भी अगर RSI से ट्रेडिंग करना चाहते हैं और rsi trading strategy in hindi को खोज रहे हैं तो आज मैं आपको उन सभी RSI Trading Strategy के बारे में बताऊँगा, जिसकी मदद से आप इंट्राडे, स्विंग और positional trading कर सकते हैं | 

वैसे तो आपको बहुत सारे technical indicator मिल जाएंगे जिसकी मदद से आप ट्रेडिंग कर सकते हैं परंतु उन सभी indicator में से rsi एक बहुत ही अच्छा टूल है, जो आपको अच्छा मुनाफा कमा कर दे सकता है | 

भले ही अभी के समय में प्राइस एक्शन ट्रेडिंग बहुत तेज से फैल रहा है परंतु पहले समय के बहुत सारे ऐसे ट्रेडर हैं जो rsi जैसे indicator का इस्तेमाल अपने ट्रेडिंग में करते थे और अभी भी कर रहे हैं | 

आज मैं आपको सभी best RSI Trading Strategy in Hindi के बारे में बताऊँगा जैसे कि – RSI strategy for swing trading, RSI Strategy for intraday trading जिसकी मदद से आप ट्रेडिंग कर के अपीसे कमा सकते हैं | 

तो चलिए एक – एक कर के मैं आपको उन सभी RSI Trading Strategy in Hindi के बारे में बताता हूँ | हो सकता है ये सभी के सभी स्ट्रैटिजी आपके लिए काम न करे | 

आपको अपने पर्सनैलिटी के हिसाब से अपने लिए सही स्ट्रैटिजी को चुनना पड़ेगा, जिसके बारे में आपको मैं नीचे बताऊँगा कि आप अपने लिए सही स्ट्रैटिजी कैसे चुन सकते हैं | 

RSI Trading Strategy in Hindi

जैसा कि मैंने आपको ऊपर में बताया हुआ है RSI Trading Strategy in Hindi में मैं आपको इंट्राडे, स्विंग ट्रेडिंग और positional trading strategy के बारे में बताऊँगा पर उसे जानने से पहले हम थोड़ा – बहुत rsi indicator के बारे में भी जान लेते हैं | 

RSI Indicator in Hindi

RSI एक मोमेन्टम oscillator indicator है, जिसकी रेंज 0 से 100 के बीच में होती है और यह ट्रेंड की मजबूती को बताना वाला बहुत ही अच्छा indicator है | 

ट्रेंड की मजबूती का मतलब यह हुआ कि किसी भी शेयर का प्राइस कितनी तेजी से कम/बढ़ रहा है, यह हमे rsi से पता चलता है | इसकी मदद से हम यह पता लगा सकते हैं कि कोई शेयर कितना overbought या oversold है | 

फिलहाल अभी के लिए आप RSI के लिए बस इतना ही जान लीजिए | इसके ऊपर एक पूरा लेख भविष्य में आएगा | 

RSI Strategy for intraday trading

इस खंड में मैं आपको rsi की ट्रेडिंग स्ट्रैटिजी के बारे में बताऊँगा जो आप इंट्राडे और BTST trading में इस्तेमाल कर सकते हैं | 

इंट्राडे के लिए मैं आपको rsi की 2 स्ट्रैटिजी के बारे में बताऊँगा जो आप कल से ही इस्तेमाल करना चालू कर सकते हैं | 

आप technical indicator का इस्तेमाल बहुत तरीकों से कर सकते हैं | 

1. एक टाइम फ्रेम के लिए आप एक साथ 2 से 3 indicator भी इस्तेमाल कर सकते हैं |

2. आप अलग – अलग टाइम फ्रेम के लिए 1 ही indicator का इस्तेमाल कर सकते हैं |

3. अलग – अलग टाइम फ्रेम के लिए अलग – अलग indicator का इस्तेमाल करें |

यह कुछ तरीके हैं indicator को इस्तेमाल करने के लिए और आज मैं आपको इन दोनों तरीकों के बारे मे बताऊँगा |

rsi की पहली इंट्राडे स्ट्रैटिजी

इस वाले तरीके में हम rsi को अलग – अलग टाइम फ्रेम में इस्तेमाल करेंगे | 

हम इस वाली स्ट्रैटिजी में 3 टाइम फ्रेम का इस्तेमाल करेंगे जोकि हैं – डेली, hourly और 15 मिनट | 

डेली टाइमफ्रेम में हमारा rsi 60 के ऊपर होना चाहिए, hourly टाइमफ्रेम में भी हमारा rsi 60 के ऊपर होना चाहिए पर 15 मिनट में हमारा rsi 38 से 42 के बीच मे रहना चाहिए | 

अब बात आती है कि हमे ऐसे स्टॉक मिलेंगे कैसे जो इन तीनों criteria में आते हों | इसके लिए हम chartink का इस्तेमाल करेंगे | मैं आपको नीचे एक स्कैनर प्रदान कर रहा हूँ जिसका इस्तेमाल आप कर सकते हैं | 

RSI scanner for intraday trading

जैसे ही आपको यह स्टॉक मिल जाए उसके बाद आप इन्हे अपनी watchlist में डाल सकते हैं पर अब बात यह आती है कि हमे इसे इस्तेमाल कैसे करना है ?

जब आपको यह मिल जाए तो उसके बाद आपको 15 मिनट वाले टाइमफ्रेम में एक बुलिश कैंडल बनने का इंतज़ार करना है जो 40 के आस – पास बने और जैसे ही इस बुलिश कैंडल का हाई टूटता है वैसे ही आप इसे खरीद सकते हैं और बुलिश कैंडल के लो का स्टॉप – लॉस लगा सकते हैं | 

RSI की BTST strategy

इन वाली स्ट्रैटिजी में हम 3 टाइम फ्रेम और 3 indicator का इस्तेमाल करेंगे | इसमे हमारा टाइम फ्रेम वीकली, डेली और hourly होगा | एक बात मैं आपको बताना चाहूँगा इस स्ट्रैटिजी के बारे में और वह यह है कि – यह थोड़ी complicated स्ट्रैटिजी है | 

इस वाली स्ट्रैटिजी में हम जो 3 indicator का इस्तेमाल करेंगे उनका नाम है – RSI, MACD और Supertrend | यह एक प्रकार का macd and rsi trading strategy है | 

वीकली में हमारा rsi 70 के ऊपर रहना चाहिए, डेली में भी rsi 70 के ऊपर ही रहना चाहिए और hourly में भी 70 के ऊपर रहना चाहिए | 

जैसे आपने ऊपर में rsi के स्टॉक को खोजा था ठीक उसी प्रकार आप यहाँ भी अलग – अलग टाइम फ्रेम के लिए स्टॉक को खोज सकते हैं | 

उसके बाद आपको macd indicator को लगाना है | macd में बीच वाली लाइन 0 की होती है और उसके ऊपर और नीचे दोनों तरफ ज़ोन होता है जिसे पोसीटिव और नेगेटिव ज़ोन कहते हैं | 

आपको macd में दो लाइन देखने को मिलेंगी (लाल – काली) और हमे इन्ही दोनों लाइन के crossover को पाज़िटिव वाले ज़ोन देखना है | जब काली वाली लाइन लाल वाली लाइन को नीचे से क्रॉस करती है तो इसे हमे positive crossover कहते हैं | 

वीकली और डेली टाइम फ्रेम में हम अपनी ऐनालीसिस करेंगे पर hourly टाइमफ्रेम में हम ट्रेड लेंगे | 

वीकली और डेली टाइम फ्रेम में जब आपको वह कैंडल मिल जाए जो rsi 70 के ऊपर हो एवं crossover हो तो उसके बाद आपको hourly टाइम फ्रेम में आना है और उसमे भी आपको वह कैंडल खोजना है जो rsi 70 के ऊपर गई हो और macd का crossover हुआ हो |

जैसे ही hourly टाइमफ्रेम में आपको यह दोनों चीज होते हुए दिखती (rsi 70 के ऊपर और macd crossover) है वैसे ही आप उस शेयर को खरीद सकते हैं और जब आपको supertrend में सेलिंग का सिग्नल मिलता है तब आप उसे बेच सकते हैं | supertrend का इस्तेमाल हम स्टॉप- लॉस एवं trailing स्टॉप – लॉस के लिए करेंगे | 

कभी – कभी आपके पास ऐसे स्टॉक भी होंगे जो rsi 70 के ऊपर तो होंगे परंतु उसमे macd का crossover नहीं मिलेगा | 

यह तो हो गई खरीदने की बात परंतु अगर आप शॉर्ट सेलिंग करना चाहते हैं तो rsi ki setting अलग होंगी | उसमे rsi 30 के नीचे होना चाहिए और macd crossover 0 के नीचे वाले ज़ोन में होना चाहिए | 

cover image RSI Trading Strategy in Hindi

RSI strategy for swing trading

RSI Trading Strategy in Hindi में अब हम rsi और moving average indicator की स्विंग ट्रेडिंग स्ट्रैटिजी को देखेंगे | 

इसमे भी हम 3 अलग – अलग टाइम फ्रेम का इस्तेमाल करेंगे जोकि हैं – monthly, वीकली और डेली और जो rsi का रेंज होगा वह 60 और 40 के बीच में होगा | 

आपको ऐसे स्टॉक खोजने हैं जो मंथली और वीकली टाइम फ्रेम में 60 के ऊपर हों पर डेली टाइम फ्रेम में वह 40 के पास सपोर्ट ले रहा हो | ऐसे स्टॉक खोजने के लिए भी आप ऊपर दिए गए स्कैनर का इस्तेमाल कर सकते हैं | 

आपको इस स्ट्रैटिजी में तब खरीदना है जब 40 rsi पर कोई बुलिश कैंडल बनता हुआ दिखता हो या फिर डेली टाइम फ्रेम में 20 मूविंग ऐव्रिज पर बुलिश कैंडल बनता हो | 

डेली टाइमफ्रेम में अगर rsi 60 पर भी सपोर्ट लेता है तो भी आप उसे खरीद सकते हैं और अगर 60 पर बुलिश कैंडल बना रहा हो और 20 मूविंग ऐव्रिज पर सपोर्ट ले रहा हो तो यह बहुत ही अच्छा buying signal होता है |

अगर आप कोई भी स्ट्रैटिजी का इस्तेमाल करना चाहते हैं तो उसके पहले आपको इसे backtest कर के जरूर देखना चाहिए क्यूँकी इससे आपको उस स्ट्रैटिजी पर विश्वास हो पाएगा और आप उसकी accuracy निकाल पाओगे | 

तो चलिए अब हम RSI Trading Strategy in Hindi में अगले स्ट्रैटिजी की बात करते हैं जोकि है RSI positional trading strategy | 

RSI positional trading strategy in Hindi

यह वाली स्ट्रैटिजी उनके लिए बहुत ही अच्छी है जो किसी प्रकार का काम करते हैं और शेयर मार्केट चार्ट को ज्यादा नहीं देखना चाहते हैं | इस स्ट्रैटिजी का इस्तेमाल मैं भी करता हूँ क्यूँकी इससे आपको बहुत ही अच्छा रिटर्न मिलता है | 

इस स्ट्रैटिजी में एक बात का आपको विशेष ध्यान देना है और वो यह है कि इसे आपको सिर्फ और सिर्फ लार्जकैप और blue-chip स्टॉक्स मेँ ही अप्लाइ करना है | 

इस वाली स्ट्रैटिजी में आपको 2 indicator की जरूरत पड़ेगी एक rsi और दूसरा 20 moving average और इसका टाइमफ्रेम वीकली होगा | 

जब मार्केट शुक्रवार को बंद हो जाए तो उसके बाद आप शाम को बैठ कर स्कैनर की सहायता से स्टॉक को निकाल सकते हैं | इस स्ट्रैटिजी में इसकी rsi setting 60 और 40 रहेगी |  

जब वीकली टाइम फ्रेम में स्टॉक का प्राइस 60 rsi के ऊपर जाता है तो उसके बाद आप इसे सोमवार को खरीद सकते हैं | 

अगर आप यह सोच रहे हैं कि फिर 20 मूविंग ऐव्रिज का इस्तेमाल कहाँ करेंगे तो मूविंग ऐव्रिज को आप स्टॉप – लॉस एवं प्रॉफ़िट बुक करने के लिए करेंगे | 

चलिए इसे हम उदाहरण से समझते हैं – 

एक abc शेयर है जिसका प्राइस rsi 60 के ऊपर निकला है और वीकली closing में शेयर का दाम 425 है और वहीं वीकली 20 moving average की वैल्यू 410 है | 

तो अब आपको सोमवार को इसे खरीद लेना है और इसका स्टॉप – लॉस पिछले हफ्ते का 20 मूविंग ऐव्रिज की वैल्यू होगा जोकि है 410 रुपये | यह 410 आपका उस हफ्ते का स्टॉप – लॉस होगा | 

अब उस हफ्ते में वीकली 20 मूविंग ऐव्रिज की वैल्यू 412 हो गई है तो अब अगले पूरे हफ्ते का स्टॉप – लॉस 412 रुपये होगा और जैसे ही शेयर का दाम 20 मूविंग ऐव्रिज के नीचे जाता है वैसे ही आपको उस शेयर को बेच देना है और प्रॉफ़िट बुक कर लेना है| 

RSI Trading Strategy in Hindi निष्कर्ष

मैंने आपको RSI Trading Strategy in Hindi के इस लेख में rsi के इंट्राडे, स्विंग और positional स्ट्रैटिजी के बारे में बताया है | अगर आप rsi की और स्ट्रैटिजी चाहते हैं तो आप नीचे कमेन्ट कर सकते हैं | 

आशा करता हूँ आपको हमारा यह लेख RSI Trading Strategy in Hindi पसंद आया होगा | अगर आपको किसी भी प्रकार का सवाल है तो उसे आप नीचे कमेन्ट सेक्शन में पूछ सकते हैं | 

मेरा नाम कौशल कुमार है और मैं इस वेबसाईट bharatinvestingerabykaushal का संस्थापक हूँ | मैं इस वेबसाईट के माध्यम से आप सभी को शेयर मार्केट की बारीक जानकारियों को बताना चाहता हूँ जिससे आप भी शेयर मार्केट से पैसे कमा सकें | मैं शेयर मार्केट में काफी समय से काम कर रहा हूँ और मेरा उद्देश है कि अपने अनुभव को आप तक पहुंचा सकूँ |

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