Bearish Kicker Candlestick Pattern In Hindi की सम्पूर्ण जानकारी 

हमने इसके पहले बहुत तरह के बुलिश एवं बेयरिश कैंडलस्टिक पैटर्न के बारे में लिखा है पर आज हम एक महत्वपूर्ण बेयरिश कैंडलस्टिक पैटर्न जिसका नाम  Bearish Kicker candlestick pattern in hindi के बारे में जानकारी देंगे | 

Bearish Kicker candlestick pattern hindi जब भी बनता है तब यह बहुत ही अच्छे रिजल्ट प्रदान करता है परंतु इस पैटर्न आपको एक चीज का ध्यान देना है और वह है जगह | 

हम इस लेख में आपको Bearish Kicker candlestick pattern in hindi के बारे में तो बताएंगे ही पर इसके साथ – साथ हम Bearish Kicker pattern trading strategy in hindi के बारे में भी जानकारी देंगे | 

तो इस लेख को आप ध्यान से पढ़िएगा क्यूँकी आपको इस लेख से बहुत कुछ नया जानने और सीखने को मिलेगा | 

Bearish Kicker candlestick pattern कैसा पैटर्न है ? 

Bearish Kicker pattern in hindi एक डबल कैंडलस्टिक बेयरिश रीवर्सल कैंडलस्टिक पैटर्न है जो अपट्रेंड के बाद बनता है और ट्रेंड के बदलने का संकेत देता है | 

यह दो कैन्डल से मिलकर बनने वाला डबल कैंडलस्टिक पैटर्न है जिसमे पहली कैन्डल हरे रंग की होती है और दूसरी कैन्डल लाल रंग की बनती है | 

Bearish Kicker pattern meaning in Hindi

Bearish Kicker candlestick pattern का मतलब बिल्कुल सीधा और साफ होता है | यह पैटर्न मार्केट में चल रहे अपट्रेंड के खतम होने का संकेत देता है और डाउनट्रेंड के चालू होने के बारे में बताता है | 

यह पैटर्न कारगर तभी साबित होता है जब यह एक मजबूत अपट्रेंड के बाद बने एवं रेसिस्टेंस के पास बने अन्यथा यह पैटर्न उतना कारगर साबित नहीं होता है | 

अगर यह पैटर्न आपको अपट्रेंड के बाद बनते हुए दिखाई देता है तो यह ट्रेंड के खतम होने का एक संकेत होता है | इसलिए अगर आपको अपट्रेंड में ये पैटर्न बनता हुआ दिखता है तो आपको इसमे प्रॉफ़िट बुक करना चाहिए | 

Bearish Kicker candlestick pattern की पहचान कैसे करें ?

बुलिश किकर कैंडलस्टिक पैटर्न को पहचानना बहुत ही आसान है | इसे आप अगर चार्ट पर देखेंगे तो तुरंत ही पहचान लेंगे परंतु इसे पहचानने के लिए आपको बस कुछ बातों का विशेष ध्यान देना होगा | 

  1. बुलिश किकर पैटर्न के बनने से पहले का ट्रेंड अपट्रेंड रहना चाहिए मतलब कि कुछ समय पहले से शेयर का प्राइस ऊपर जाना चाहिए | 
  2. इसमे पहली कैन्डल बुलिश हरी कैंडल होनी चाहिए और दूसरी कैन्डल लाल रंग की बेयरिश कैंडल बननी चाहिए | 
  3. पहली और दूसरी कैंडल के बीच में गैप होना अनिवार्य है, तभी इसे हम बेयरिश किकर पैटर्न कहेंगे | 
Bearish Kicker candlestick Pattern cover image

Bearish Kicker pattern कैसा दिखता है ?

बेयरिश किकर पैटर्न 2 कैंडल से मिलकर बनने वाला पैटर्न है जिसमे की पहली कैन्डल हरे रंग की बुलिश कैन्डल होती है और दूसरी कैंडल लाल रंग की बेयरिश कैंडल होती है | 

  • इस पैटर्न को देखते समय आपको एक बात का ध्यान देना है और वह ये है कि जब दूसरे दिन की बेयरिश कैंडल बने तो वह गैप डाउन हो कर बने और दोनों कैंडल के बीच में गैप हो, तभी उसे हम  बेयरिश किकर पैटर्न कहेंगे | 

इसके अलावा एक और तरह का बेयरिश किकर पैटर्न दिख सकता है, जिसमे दोनों कैंडल के opening price के बीच में गैप रहेगा, भले ही दोनों कैंडल के विक (wick) आपस में मिल जाए पर दोनों कैंडल की बॉडी आपस में नहीं मिलनी चाहिए या ओवर्लैप (overlap) नहीं करनी चाहिए | 

इस तरह से बनने वाले पैटर्न को भी हम बेयरिश किकर पैटर्न ही कहेंगे परंतु इस तरह के पैटर्न में आपको गैप उतने अच्छे से देखने को नहीं मिलेगा और ऐसे में यह पैटर्न उतने अच्छे से काम नहीं करेगा | 

Bearish Kicker pattern accuracy rate

जब बात करते हैं इसकी एक्यूरेसी की तो  इसकी एक्यूरेसी निकालने के लिए आप 2 तरीकों का इस्तेमाल कर सकते हैं – 

  • पहले तरीके में आपको सिर्फ कैंडलस्टिक पैटर्न को देखना है
  • दूसरे तरीके में आपको कैंडलस्टिक पैटर्न के साथ-साथ किसी इंडिकेटर का इस्तेमाल करना है | 

जब आप सिर्फ कैंडलस्टिक पैटर्न को देखकर इसकी accuracy निकालते हैं तो आप पाएंगे कि इसकी एक्यूरेसी 55% के आस पास आएगी | 

और जब आप सिर्फ पैटर्न के आधार पर इससे ट्रेड करेंगे तो औसतन इसमे आपको 2% से 3% का प्रॉफ़िट हो पाएगा | 

जब आप Bearish Kicker pattern in hindi को किसी अन्य technical indicator के साथ इस्तेमाल करते हैं तो इसकी एक्यूरेसी 55% से बढ़कर 65% हो जाती है और जब आप इसे किसी अन्य इंदीकेटर के साथ ट्रेड करते हैं तो इसमे आपको 6% से 7% का प्रॉफ़िट देखने को मिल सकता है | 

Bearish Kicker pattern की मजबूती का आकलन कैसे करें ?

अगर आपको बुलिश किकर पैटर्न बनता हुआ दिख रहा है और आप यह देखन चाहते हैं कि वह पैटर्न कितना मजबूत है या पैटर्न के कामयाब होने की संभावनाएं क्या हैं तो आपको कुछ निम्न बातों का ध्यान रखना होगा – 

दोनों कैंडल के बीच का गैप ज्यादा होना चाहिए 

अगर दोनों कैंडल के बीच में गैप ज्यादा है और उसे आप अपने नग्न नेत्रों से देख सकते हैं तो वह पैटर्न उतना ही ज्यादा मजबूत होगा | 

अगर दोनों कैंडल के बीच में गैप है और साथ में दोनों कैंडल की शैडो या विग अलग – अलग और दूर हैं तो वह पैटर्न और ज्यादा मजबूत होगा | 

अगर गैप दोनों कैंडल में कम है और दोनों कैंडल काफी पास में है तो वह पैटर्न ज्यादा मजबूत नहीं होगा | 

Strong Bearish Kicker Pattern criteria

बेयरिश कैंडल की बॉडी बड़ी होनी चाहिए

बेयरिश किकर पैटर्न की मजबूती का पता करने के लिए अब आपको उसके बेयरिश कैंडल की बॉडी को देखना होगा | 

न सिर्फ आपको उसकी बेयरिश कैंडल को देखना है उसके साथ – साथ आपको उसके पहले वाले कैंडल की बॉडी को भी देखना है | 

  • बेयरिश कैंडल की बॉडी बड़ी होनी चाहिए 
  • उसके ऊपर नीचे ज्यादा शैडो नहीं होना चाहिए 
  • बेयरिश कैंडल की तुलना में उसके पहले वाली कैंडल का साइज़ कम होना चाहिए | 

बेयरिश कैंडल में शैडो बहुत कम होना चाहिए या न के बराबर होना चाहिए

अगर आपको बेयरिश कैंडल में ऊपर और नीचे की तरफ शैडो दिखती है तो यह volatility को दर्शाती है और साथ में बुल्स और बेयर्स के बीच की लड़ाई का भी संकेत करती है | 

आपको यह देखना है कि बॉडी की तुलना में शैडो का साइज़ कम रहना चाहिए | कम शैडो रहे तो चल सकता है परंतु अगर शैडो बहुत ज्यादा बड़ी है तो वह पैटर्न उतना कारगर नहीं होगा | 

अगर बेयरिश कैंडल में विक नहीं होती है तो यह मजबूत बेयर्स के पकड़ को दिखाती है और साथ में यह भी संकेत करती है कि पैटर्न मजबूत है |

बेयरिश कैंडल का वॉल्यूम ज्यादा रहना चाहिए

अगर आपको बेयरिश कैंडल का वॉल्यूम उसके पहले वाली कुछ कैंडल से ज्यादा दिखाई देता है तो यह बहुत ही अच्छा संकेत माना जाता है | 

इसके अलावा अगर बेयरिश कैंडल में ऊपर की तरह शैडो है परंतु बेयरिश कैंडल का वॉल्यूम बुलिश कैंडल से ज्यादा है तो, इसे भी हम एक अच्छा बेयरिश किकर पैटर्न मान सकते हैं | 

अभी तक हमने जाना पैटर्न कैसा दिखता है, इसे कैसे पहचान सकते हैं परंतु अब हम Bearish Kicker pattern trading in hindi के बारे में जानेंगे | 

Bearish Kicker Pattern Trading Strategy in Hindi

इस वाले खंड में हम Bearish Kicker pattern trading in hindi के बारे में बात करेंगे जैसे कि – 

इसमे कब एंट्री करना चाहिए, कहाँ पर स्टॉप लॉस लगाना चाहिए और indicator की मदद से इसमे एंट्री कैसे बनानी चाहिए, इस सब के बारे में हम इसमे जानेंगे | 

परंतु सबसे बड़ा सवाल यह उठता है कि हमे पता कैसे चलेगा कि यह पैटर्न बन गया है ?

इसके लिए या तो हमे हर स्टॉक को देखना पड़ेगा, जिसमे कि बहुत टाइम लगेगा, या फिर हमारे पास कोई ऐसा scanner हो जिसकी मदद से हम यह जान पाए कि यह पैटर्न बन चुका है | 

बुलिश किकर पैटर्न को खोजने के लिए आप topstockresearch स्कैनर का इस्तेमाल कर सकते हैं | 

Bearish Kicker Pattern Entry

बेयरिश किकर पैटर्न बनने के बाद अगर आप एंट्री करते हैं तो उसमे आपका सही रिस्क रिवार्ड नहीं बैठेगा | 

इसलिए आपको पैटर्न बनने के बाद retracement का इंतज़ार करना है और जब हल्का सा प्राइस ऊपर आता है तो आप उसमे एंट्री कर सकते हैं | 

आब बात आती है कि कितने retracement पर हमे अपनी एंट्री बनानी है, इसके लिए आप fibonacci retracement टूल का इस्तेमाल कर सकते हैं | 

चलिए अब देखते हैं कि moving average की मदद से हम इसमे अपनी एंट्री कैसे बना सकते हैं – 

इसमे आपको 10-day moving average का इस्तेमाल करना है | इसमे आप दो तरह से एंट्री कर सकते हैं – 

  1. जैसे ही प्राइस 10 मूविंग ऐव्रिज को क्रॉस करती है वैसे ही आप अपनी एंट्री बना सकते हैं 
  2. दूसरे तरीके में आपको retracement का इंतज़ार करना है और जब प्राइस 10 moving average के पास पहुंचे और बुलिश कैंडल बनाए वैसे ही आप इसमे ट्रेड ले सकते हैं | 

Bearish Kicker Pattern Stop – Loss

स्टॉप लॉस आपको बुलिश कैंडले के हाई का ही लगाना है | 

भले ही आप retracement के बाद अपनी एंट्री किए हों या फिर moving average के retest के बाद एंट्री किए हों | दोनों ही कन्डिशन में आपको बुलिश कैंडल के हाई का स्टॉप लॉस लगाना है | 

retracement एंट्री में आपको एक बाद का विशेष ध्यान देना है और वह ये है कि – 

बेयरिश किकर पैटर्न में बेयरिश कैंडल में ज्यादा वॉल्यूम रहता है परंतु जब retracement हो रहा हो तो उसका वॉल्यूम कम रहना चाहिए | अगर retracement का वॉल्यूम ज्यादा रहता है तो पैटर्न के विफल होने की संभवनाएं बढ़ जाती हैं |

Bearish Kicker Pattern Target

टारगेट आप अपने एंट्री और स्टॉप – लॉस के अंतर को एंट्री के बाद लगा कर टारगेट रख सकते हैं | 

जैसे मान लीजिए आपकी एंट्री 200 पर है और आपक स्टॉप लॉस 190 रुपये है तो इसका अंतर 10 हुआ तो आप अपनी एंट्री के बाद 10 रुपए नीचे अपना टारगेट रख सकते हैं | 

आप एक और तरह से टारगेट रख सकते हैं | चूंकि यह पैटर्न अपट्रेंड के बाद बना है तो इसमे सेलिंग आ सकती है तो स्विंग लो का टारगेट भी रख सकते हैं | 

मेरा नाम कौशल कुमार है और मैं इस वेबसाईट bharatinvestingerabykaushal का संस्थापक हूँ | मैं इस वेबसाईट के माध्यम से आप सभी को शेयर मार्केट की बारीक जानकारियों को बताना चाहता हूँ जिससे आप भी शेयर मार्केट से पैसे कमा सकें | मैं शेयर मार्केट में काफी समय से काम कर रहा हूँ और मेरा उद्देश है कि अपने अनुभव को आप तक पहुंचा सकूँ |

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