हम इस पोस्ट के माध्यम से जानेगे कि डिमांड एंड सप्लाई ट्रेडिंग (Demand and Supply trading) क्या होता है? , डिमांड एंड सप्लाई कैंडल्स, डिमांड और सप्लाई कैंडलस्टिक पैटर्न, Demand and Supply trading स्ट्रेटेजी, डिमांड ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी, सप्लाई ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी, डिमांड और सप्लाई vs सपोर्ट और रेजिस्टेंस
आपने अपने ट्रेडिंग की शुरुआत कहीं न कहीं कैंडलस्टिक पैटर्न, चार्ट पैटर्न, सपोर्ट – रेजिस्टेंस और इंडिकेटर से की होगी |
मैंने भी इसी तरह की थी पर धीरे – धीरे पढ़ने और जानने के बाद ये पता चला की ये सब एक तरफ ठीक है पर अभी के समय में जो इस्तेमाल हो रहा है उसको भी तो जानना अनिवार्य है |
अगर आप भी अभी – अभी ट्रेडिंग की दुनिया में कदम रखे हैं तो आपने price action trading एवं डिमांड एंड सप्लाई ट्रेडिंग के बारे में तो सुना ही होगा | demand or supply in hindi को अगर सपोर्ट और रेजिस्टेंस का एडवांस version कहें तो गलत नहीं होगा |
अधिकतर लोग इसके बारे में इसलिए जानना चाहते हैं क्यूंकि यह अभी बहुत ही प्रचलित ट्रेडिंग है | बहुत सारे बड़े – बड़े ट्रेडर सिर्फ डिमांड और सप्लाई के आधार पर ट्रेडिंग करते हैं |
डिमांड एंड सप्लाई क्या है ? | Demand and Supply kya hai?
वैसे अगर आप जानना चाहते हैं supply and demand in hindi के बारे में तो उसे आप ऐसे समझ सकते हैं | किसी चीज की बढ़ती हुई मांग को demand in hindi कहते हैं और उस demand की आपूर्ति को सप्लाइ कहा जाता हैं |
अगर आप भी demand and supply trading सीखना चाहते हैं तो इसे बहुत ही गौर से पढ़ियेगा | वैसे हमारा पूरा मार्केट ही डिमांड और सप्लाई के ऊपर काम करता है |
स्टॉक का प्राइस ऊपर जाता है क्यूंकि उसकी डिमांड बढ़ जाती है, और अर्थशास्त्र में आपने पढ़ा ही है अगर किसी चीज़ की डिमांड ज़्यादा होती है तो उसका मूल्य बढ़ जाता है |
एक निश्चित लेवल पर पहुंचने के बाद स्टॉक की कीमत निचे आने लगती है क्यूंकि उसकी डिमांड कम हो जाती है और सप्लाई ज़्यादा हो जाती है | इसी डिमांड सप्लाई के आधार पर यह ट्रेडिंग सिस्टम का इजात हुआ है, जिसे डिमांड और सप्लाई ट्रेडिंग कहते हैं |
स्टॉक मार्केट में डिमांड ज़ोन क्या होता है ? | What is demand zone in stock market?
स्टॉक मार्केट में डिमांड ज़ोन एवं सप्लाइ ज़ोन को ट्रेडिंग में इस्तेमाल किया जाता है और इस वाले खंड में मैं आपको इसी के बारे में बताऊँगा |
शेयर चार्ट में डिमांड ज़ोन एक ऐसी जगह होती है, जहाँ से शेयर के दाम ऊपर जा सकते हैं या कोई ऐसी जगह को भी डिमांड ज़ोन कह सकते हैं जहाँ से पहले एक अच्छी रैली आई हो और बड़ी – बड़ी हरे कैंडल बनी हों |
स्टॉक मार्केट में सप्लाइ ज़ोन क्या होता है ? | What is supply zone in stock market?
जब भी आप शेयर चार्ट देखते हैं तो आपको एक ऐसी जगह को खोजना रहता है जहाँ से मार्केट में एक तेज सेलिंग आई हो या बड़ी – बड़ी लाल कैंडल बनी हो, उसी वाले ज़ोन को हम सप्लाइ ज़ोन कहते हैं |
डिमांड एंड सप्लाई कैंडल | Demand and Supply Candles
Demand Supply in hindi में कैंडल्स 2 से 3 रहती है | इनका कैंडलस्टिक का एक पैटर्न होता है जैसे – रैली बेस रैली (RBR), ड्राप बेस ड्राप (DBD), रैली – ड्राप, ड्राप-रैली इत्यादि | हम इनके बारे में ट्रेडिंग स्ट्रैटजी में अच्छी तरह से जानेगे |
डिमांड एंड सप्लाई ऐनालीसिस | Demand and Supply Analysis in Stock Market
जैसा कि मैंने पहले भी कहा था पूरे विश्व भर का स्टॉक मार्केट demand and supply पर चलता है | डिमांड बढ़ते ही उसका मूल्य ऊपर जाता है और डिमांड कम होते ही मूल्य निचे आने लगता है |
मान लीजिये एक XYZ स्टॉक है और वह 100 से 200 चला गया है पर अब उसको खरीदने वाले 200 पर हैं नहीं और बहुत सारे जैसे की इंस्टीटूशनल इन्वेस्टर्स (FIIs और DIIs) इंतज़ार करेंगे की कब वह 100 पर फिर से आये तो उसे खरीदा जाए |
Institutional Investors के पेंडिंग आर्डर लगे होते हैं | जैसे ही वह 100 रूपए पर आता है तो उनके आर्डर पुर्ण रूप से पूरे हो जाते हैं और स्टॉक कुछ समय बाद फिर से ऊपर जाने लगता है |
और अगर किसी स्टॉक में डंपिंग होता है तो उसे या तो बड़े-बड़े इंस्टीटूशनल इन्वेस्टर्स करते हैं नहीं तो उस स्टॉक के ऑपरेटर करते हैं | इंस्टीटूशनल इन्वेस्टर्स एक बार में अपनी पूरी हिस्सेदारी नहीं बेचते हैं धीरे – धीरे बेचते हैं |
उनको खरीदने के भी पेंडिंग आर्डर रहते हैं और बेचने के भी पेंडिंग आर्डर रहते हैं | Demand and Supply trading में इन्ही को Demand and Supply Zone के नाम से जाना जाता है |
किसी स्टॉक का प्राइज ऊपर जायेगा या निचे इसका अंदाज़ा आप इन्ही जोन को देखकर लगा सकते हैं |
डिमांड एंड सप्लाई ज़ोन कैसे बनाएं ?
डिमांड एंड सप्लाई ट्रेडिंग स्ट्रैटिजी | Demand and Supply Trading Strategies
Demand and supply trading strategy सीखने के लिए आपको 6 तरह के पैटर्न्स को याद रखना पड़ेगा |
इनमे से तीन कैन्डल बुलिश पैटर्न और तीन बेयरिस पैटर्न | जब आप इन पैटर्न्स को देखना सीख जायेंगे तो आप धीरे – धीरे ट्रेडिंग भी सीख जायेंगे |
Demand Trading strategy
Demand बुलिशनेस को दर्शाता है | आपको इसमें तीन तरह के पैटर्न्स को याद रखना पड़ेगा जैसे कि – RBR (रैली बेस रैली), DBR ( ड्राप बेस रैली ), DR ( ड्राप रैली ) |
आपको यह तीन तरह के पैटर्न्स को देखना आना चाहिए तब जाकर आप यह वाला ट्रेडिंग अच्छे से कर पाएंगे |
इन सभी कैन्डल में बनने वाला शैडो और यहाँ तक कि इनका ओपनिंग और क्लोज़िंग प्राइस का अलग – अलग नाम होता है | अगर मैं उसे बताऊँगा तो आप और ज्यादा कन्फ्यूज़ हो जाओगे |
RBR में आपका पहला कैंडल ग्रीन होगा फिर बेस कैंडल छोटा सा होगा ( डोजी जैसा ) और तीसरा कैन्डल भी बड़ा रैली वाला होगा, हरे रंग का |
बेस कैंडल का रंग हरा या लाल कोई भी हो सकता है पर डिमांड के लिए लाल रंग का कैन्डल ज़्यादा अच्छा काम करता है | आपके रैली वाले दोनों कैंडल बड़े होंगे |
आप नीचे दिए गए चित्रों को देखकर इन तीन तरह के कैन्डल पैटर्न को बिल्कुल अच्छे से याद कर लीजिए और इसे अपने चार्ट पर खोजने का प्रयास करिए |
DBR में आपका पहला कैंडल बड़ा लाल रंग का होगा फिर छोटा सा बेस कैंडल फिर उसके बाद एक बड़ा हरा कैंडल बनता है |
इसमें भी बेस कैंडल डिमांड की तरह काम करेगा | जरूरी नहीं की एक ही बेस कैंडल बनेगा, एक से ज़्यादा बेस कैंडल भी बन सकते हैं |
Supply Trading Strategy
जैसे डिमांड ट्रेडिंग में तीन तरह के पैटर्न्स थे ठीक उसी तरह सप्लाई ट्रेडिंग के भी तीन तरह के पैटर्न्स हैं |
Supply Trading में मुख्य रूप से तीन तरह के कैन्डल पैटर्न होते हैं जैसे कि – DBD ( ड्राप बेस ड्राप ) , RBD ( रैली बेस ड्राप ) और RD ( रैली ड्राप ) |
सप्लाई ट्रेडिंग के दौरान आपको यह तीन पैटर्न ध्यान में रखना होगा और चार्ट में देखने की कोशिश करनी होगी |
जहाँ पर ये वाला पैटर्न आपको चार्ट में दिखाई देता है तो आपको वहां पर सतर्क हो जाना है और अपने ट्रेडिंग या इन्वेस्टमेंट के सेलिंग निर्णेय लेने होंगे |
DBD में आपका पहला कैंडल एक बड़ा लाल रंग का होगा फिर बेस में एक छोटा सा कैंडल होगा और उसके बाद फिर एक लाल कैंडल होगा |
अगर आपका बेस कैंडल हरा रंग का होगा तो वह एक मजबूत सप्लाई की तरह काम करेगा | एक से ज़्यादा बेस कैंडल बन सकते हैं |
एक अच्छा रैली देकर भी एक छोटा सा बेस कैंडल बन सकता है और फिर उसके बाद एक बड़ा सा लाल रंग का कैंडल बना कर अच्छा निचे गिर सकता है | इसी को RBD पैटर्न बोलते हैं |
वैसे आज के समय में RD ( रैली ड्राप ) और DR ( ड्राप रैली ) तरह के कैंडल पैटर्न्स जल्दी देखने को नहीं मिलेंगे परंतु अगर आपको ये वाले कैन्डल पैटर्न दिखते हैं तो आप इससे ट्रैड ले सकते हैं |
Demand and supply vs Support and Resistance
डिमांड और सप्लाई ट्रेडिंग को सपोर्ट – रेजिस्टेंस (support – resistance) का एडवांस वर्शन कहना गलत नहीं होगा | सपोर्ट और रेजिस्टेंस में जहाँ हम ऐसे लेवल को खोजने की कोशिश करते हैं जहाँ से स्टॉक बार – बार सपोर्ट लेकर ऊपर जाता है और रेजिस्टेंस से निचे आता है |
वहीँ डिमांड और सप्लाई में हम उस लेवल को खोजते हैं जहाँ से स्टॉक ऊपर जा सकता है और निचे आ सकता है |
डिमांड एंड सप्लाई ज़ोन कैसे बनाए | Demand and Supply zone marking
डिमांड और सप्लाई के चार्ट पैटर्न्स आपको चार्ट में देखना है | जो पैटर्न्स ऊपर दिए गए हैं उन्हें चार्ट में कैसे देखना है और मार्क करना है |
आजकल ऐसा देखने को मिलता है – डिमांड और सप्लाई जोन सिर्फ एक से दो बार ही ठीक से काम करते हैं पर कभी – कभी ऐसा भी देखा गया है कि यह तीसरी बार काम करता है |
जब स्टॉक का प्राइस तीसरी या चौथी बार अपने demand और supply zone के पास आता है तो वह उसको तोड़ कर ऊपर निकल जाता है (in case of supply zone) या तो उसे तोड़कर निचे आ जाता है (in case of demand) |
क्या डिमांड सप्लाइ ट्रैडिंग काम करती है? | Does demand and supply trading work?
हाँ, डिमांड और सप्लाइ ट्रैडिंग स्टॉक मार्केट में बहुत ही अच्छे तरीके से काम करती है | अगर आप इसका सही से इस्तेमाल करते हैं तो आप अपने जीवन काल में बहुत धन अर्जित कर पाएंगे |
Demand and Supply trading कैसे करते हैं ? | How to trade demand and supply?
Demand and Supply trading करने के लिए apko कुछ पैटर्न्स याद रखने होते हैं जैसे कि RBR, DBR इत्यादि जिसकी मदद से आप Demand and Supply trading अच्छे से कर सकते हैं |
Demand and supply trading क्यों किया जाता है ?
सही समय पर entry और exit को जानने के लिए Demand and Supply trading किया जाता है | कोई निश्चित लेवेल्स कितना मजबूत या कमजोर है यह आप Demand and Supply trading से जान पाते हैं |
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