ऑप्शन चैन क्या होता है और option chain से ऑप्शन ट्रेडिंग कैसे करें ?

आज के समय में ऑप्शन ट्रेडिंग तो सब करते हैं पर वह ऑप्शन चैन (option chain) की डाटा को उतना नहीं देखते हैं या यूँ कहा जाए तो वह option chain analysis ठीक से नहीं कर पाते हैं | 

आपको भी अगर ऑप्शन चैन की डाटा तो समझने में और उसका मतलब (meaning) निकालने में दिक्कत होती है तो अब आपके इस दिक्कत का समाधान आज हो जाएगा | 

आज इस लेख में हम option chain data के अलग – अलग पहलू को समझने का प्रयास करेंगे जैसे – 

ऑप्शन चैन क्या होता है, ऑप्शन चैन कैसे पढ़े, ऑप्शन चैन कैसे समझें, ऑप्शन चैन एनालीसिस कैसे करें इत्यादि

आज इस लेख के माध्यम से मैं आपको इन सभी सवालों के जावाब देने वाला हूँ | 

आज कल के ट्रेडर ऑप्शन ट्रेडिंग में सोशल मीडिया के बड़े – बड़े प्रॉफ़िट देख कर आते हैं और सोचते हैं वह भी वैसा प्रॉफ़िट बना लेंगे पर वो यह नहीं समझ पाते कि ऑप्शन ट्रेडिंग में सिर्फ खरीदना और बेचना नहीं होता है, ऑप्शन ट्रेडिंग इससे बहुत बड़ी चीज है | 

यहाँ पर सही strike price चुनना भी एक बहुत बड़ी कला है जो आपको तब पता लगेगी जब आप option chain data analysis in hindi ठीक से करना सीख जाएंगे, जोकि काफी बड़े और अच्छे ट्रेडर करते हैं | 

अगर आप option chain data को ठीक से समझ जाते हैं तो आप भी ऑप्शन में अच्छे से ट्रेडिंग कर पाएंगे और उससे काफी अच्छा पैसा बना पाएंगे | तो चलिए अब हम आपको Option chain ki jaankari प्रदान करते हैं और उसके विभिन्न पहलू को समझते हैं | 

ऑप्शन चैन क्यूँ देखना चाहिए?

अगर आप ऑप्शन चेन देखना चाहते हैं तो आपके मन में सबसे पहले यह सवाल आना चाहिए कि हमे इसे क्यूँ देखना चाहिए ? 

ऑप्शन चेन का जो डाटा होता है वह ऑप्शन सेलिंग (option selling) के डाटा को दिखाता है और आप जानते ही हैं कि ऑप्शन सेलिंग में ज्यादा पैसा लगता है और ऑप्शन सेलिंग बहुत बड़े – बड़े institutions द्वारा किया जाता हैं, जिनके पास हजारों करोड़ रुपए होते हैं | 

अगर आप यह सोच रहे हैं कि आप तो option buying करते हैं तब फिर आपको इसे देखना की जरूरत क्यूँ है ? 

भले ही आप ऑप्शन buying कर रहे हों या ऑप्शन सेलिंग कर रहे हों, आपको option chain के डाटा को देखना चाहिए क्यूँकी इससे भी आपको महत्वपूर्ण सपोर्ट और रेसिस्टेंस का पता चलता है | 

आपको इसे देखते समय यह भी ध्यान देना चाहिए कि बड़े – बड़े institution रीटेल लोगों को ट्रैप भी करते हैं तो इसलिए आपको इसे देखते समय price action hindi को भी देखना है और फिर जाकर आपको इसमे ट्रेडिंग करना है | 

यह तो हमने जान लिया कि हमे ऑप्शन चेन को क्यूँ देखना चाहिए तो चलिए अब हम option chain kya hai aur kaise samjhe, इसके बारे में भी जान लेते हैं | 

ऑप्शन चैन क्या होता है ? | Option chain kya hota hai ?

ऑप्शन चैन एक प्रकार का डाटा है, जिसमे आपको ऑप्शन के कॉल और पुट के विभिन्न स्ट्राइक प्राइस (strike price) का डाटा मिलता है, जिसे आप अपनी ऑप्शन ट्रेडिंग में इस्तेमाल कर सकते हैं | 

दूसरे शब्दों में कहा जाए तो ऑप्शन चैन एक प्रकार की सीरीज होती है जिसमें आपको कॉल और पुट के अलग-अलग स्ट्राइक प्राइस के ओपन इंटरेस्ट, चेंज इन ओपन इंटरेस्ट, वॉल्यूम जैसे इत्यादि चीजों को दर्शाती है ।

तो अगर आप option chain analysis in hindi करने में सफल हो जाते हैं तो आप ऑप्शन ट्रेडिंग में काफी अच्छा कर सकते हैं | 

अगर आप ऑप्शन ट्रेडिंग करते हैं तो आपको ऑप्शन चैन को अपने ट्रेडिंग में इस्तेमाल करना चाहिए क्यूँकी इससे आपको काफी अच्छा प्रॉफ़िट हो सकता है | 

परंतु जब भी आप ऑप्शन चैन को खोलते हैं तो आपको उसमे इतना सारा डाटा देखने को मिलता है, जिसे देख कर आप डर सकते है और यह सोच में पड़ सकते हैं कि मुझे इसमे देखना क्या है ? 

ऑप्शन चैन में जो भी डाटा आपको देखने को मिलता है वह सब का सब आपको नहीं देखना रहता है | आपको उसमे बस कुछ ही डाटा का एनालीसिस करना होता है, जिसकी जानकारी मैं आपको नीचे दे दूंगा | 

अगर आप ऑप्शन ट्रेडिंग करना चाहते हैं या भविष्य में करने का सोच रहे हैं तो आपको option chain in hindi को अपने ऑप्शन टेडिंग में जरूर लाना चाहिए क्यूँकी इससे आपकि ऑप्शन ट्रेडिंग बेहतर हो सकती है | 

option chain cover image

ऑप्शन चैन कहाँ से देखें ? | where to see option chain data in hindi?

ऑप्शन चैन के डाटा को आप 2 से 3 जगह पर देख सकते हैं | सबसे पहली Option chain website है NSE जहाँ से आप ऑप्शन चैन डाटा को देख सकते हैं और समझ सकते हैं | 

  1. option chain data को देखने के लिए आपको सबसे पहले गूगल पर nse option chain या option chain nse डालना है और सर्च कर देना है | 
  1. उसके बाद आपके सामने एक nse की वेबसाईट आएगी, जिसे आपको खोल लेना है | 
  2. आपके आमने ऑप्शन चैन का टेबल खुल जाएगा, जहाँ से आप option chain nifty, option chain banknifty और stock option chain के डाटा को देख सकते हैं  | 
  3. ऊपर की तरफ बाईं ओर आपको view option contract लिखा हुआ दिखेगा जहाँ से आप जिस भी इंडेक्स और स्टॉक यक option chain data देखना चाहते हैं वह देख सकते हैं  |

इसके अलावा और भी दूसरी option chain website हैं जहाँ से आप Option chain live free में देख सकते हैं जैसे कि – OI buddy या फिर autotrender | 

ऑप्शन चेन को कैसे समझें ? | Option chain kaise samjhe ?

अगर आप ऑप्शन चेन को समझना चाहते हैं तो आपको इसके अंतर्गत आने वाले अलग – अलग टर्म्स (terms) को समझना पड़ेगा जैसे कि – OI (open interest), चेंज इन OI, वॉल्यूम, स्ट्राइक प्राइस (strike price) इत्यादि | 

जैसे कि आप जानते हैं ऑप्शन दो प्रकार के होते हैं एक कॉल ऑप्शन और दूसरा पुट ऑप्शन | तो ऑप्शन चैन के अंदर हमे इन्ही कॉल और पुट ऑप्शन के अलग – अलग स्ट्राइक प्राइस के ओपन इंटेरेस्ट, IV (implied volatility), वॉल्यूम आदि डाटा के बारे में पता चलता है | 

कॉल और पुट ऑप्शन को भी अलग – अलग केटेगरी में बाँटा गया है जैसे कि – ATM (At the money), OTM(out of money) और ITM (In the money) | चलिए इन सभी को हम एक उदाहरण से समझते हैं | 

मान लीजिए अभी मौजूदा समय में बैंक निफ्टी का प्राइस 46540 चल रहा है तो इसका अगर आप ATM कॉल और पुट ऑप्शन का स्ट्राइक प्राइस देखें तो वह 46500 होगा | 

ATM के अलावा OTM और ITM के स्ट्राइक प्राइस के कॉल और पुट ऑप्शन भी होते हैं | 

तो OTM में इसके अंदर 46600, 46700, 46800, 46900 के ऑप्शन आएंगे | यह सभी के सभी OTM के स्ट्राइक प्राइस हैं | 

ITM में ठीक इसका उल्टा होगा | ITM कॉल में हमारे पास 46400, 46300, 46200, 46100, 46000 के स्ट्राइक प्राइस आएंगे | ITM मतलब अभी जो है उससे कम वाले | 

आपको इन्ही सब ITM, OTM और ATM के स्ट्राइक प्राइस का option chain data देखना होता है जैसे कि – इन स्ट्राइक प्राइस पर कितना ओपन इंटेरेस्ट है, कितना वॉल्यूम ट्रेड हो रहा है, कहाँ पर ओपन इंटेरेस्ट बढ़ रहा है या घट रहा है इत्यादि |

इन्ही को जब आप ठीक से देखते हैं और interpret करना सीख जाते हैं तो आप इंडेक्स ऑप्शन ट्रेडिंग को ठीक से कर सकते हैं | 

ऑप्शन ट्रेडिंग कैसे काम करती है ?

अगर आप ऑप्शन ट्रेडिंग करते हैं तो यह आपके लिए हथियार की तरह काम कर सकती है और आप जितने इस हतियार को तेज करने लग जाएंगे आपकि ऑप्शन ट्रेडिंग और भी अच्छी होती चली जाएगी | 

option chain में आपको एक ही जगह पर वह सभी के सभी डाटा देखने को मिल जाते हैं जो एक ऑप्शन ट्रेडर को देखना चाहिए | 

आप चाहे इंट्राडे ट्रेडिंग करना चाहते हों या स्विंग ट्रेडिंग में अपनी position बनाना चाहते हो, आपको option chain डाटा को जरूर देखना चाहिए क्यूँकी इससे आपको निर्णय लेने में बहुत मदद मिल सकती है  | 

ऑप्शन चैन कैसे देखें ? | option chain kaise dekhe in hindi

आपने अभी तक यह तो जान लिए कि ITM, OTM और ATM क्या होता है और इसके अंदर कौन से स्ट्राइक प्राइस आते हैं | 

तो चलिए अब हम इन स्ट्राइक प्राइस के डाटा के बारे में जानकारी हासिल कर लेते हैं | 

जब आप option chain table खोलते हैं तो उसमे आपको बाई तरफ कॉल ऑप्शन और दाई ओर पुट ऑप्शन का डाटा देखने को मिलता है और बीच में अलग – अलग स्ट्राइक प्राइस होती है | 

अगर आप ऑप्शन चैन को ठीक से समझना चाहते हैं तो आपको इस टेबल में दिए गए सभी टर्म्स के बारे में जानकारी होनी चाहिए और अगर आपको इनके बारे में नहीं पता है तो नीचे हम इन सभी के बारे में बताने वाले हैं | 

इन टेबल में आपको स्ट्राइक प्राइस के दोनों तरफ निम्नलिखित कॉलम देखने को मिलेंगे – 

  1. OI (Open Interest)
  2. Change In OI
  3. Volume
  4. IV (implied Volatility)
  5. LTP (last traded price)
  6. Change
  7. Ask Price
  8. Bid price
  9. Bid quantity
  10. Ask quantity

यह सभी के सभी 10 कॉलम आपको option chain के टेबल में देखने को मिलेगी और यह दोनों तरफ रहेगी क्यूँकी कॉल और पुट ऑप्शन का डाटा अलग – अलग होता है | 

option chain table

कुल मिलाकर आपको 21 कॉलम देखने को मिलते हैं परंतु आपको इन सभी को नहीं देखना रहता है | सिर्फ कुछ ही चुनिन्दा चीजों को ही देखना रहता है, जिसे मैं ऑप्शन चैन कैसे पढ़े वाले खंड में बताऊँगा | 

तो चलिए एक – एक कर के मैं आपको इन सभी टर्म्स के बारे में जानकारी देता हैं |

OI(Open Interest)

ओपन इंटेरेस्ट से हमे कॉल और पुट ऑप्शन के open position या open contract के बारे में पता चलता है | यानि की ऐसे position जो लोगों के पास पड़ी हुई है | 

open chain के OI का डाटा हमेशा lot में दिखाता है और लॉट से हमे quantity के बारे में पता चलता है | जैसा कि आप जानते हैं निफ्टी के 1 लॉट में 50 quantities होती हैं और बैंक निफ्टी के 1 लॉट में 15 quantities होती हैं | 

तो अगर किसी स्ट्राइक प्राइस के आगे 100 लिखा है तो निफ्टी में कुल 5000 open position हैं और यही बैंक निफ्टी में 1500 पज़िशन हैं | 

OI से आप सुपोर्ट और रेसिस्टेंस का पता लगा सकते हैं | सपोर्ट और रेसिस्टेंस का पता लगाने के लिए आपको सबसे ज्यादा OI वाले को देखना है | 

कॉल तरफ जिस स्ट्राइक प्राइस पर सबसे ज्यादा OI तो वह रेसिस्टेंस का काम करेगी और पुट तरफ जहाँ सबसे ज्यादा OI वह सपोर्ट की तरह काम करेगी | 

क्यूँकी यह ऑप्शन सेलिंग का डाटा दिखाती है तो उस स्ट्राइक प्राइस पर सबसे ज्यादा ऑप्शन सेलर होते हैं, जहाँ उन्हे लगता है कि उसके ऊपर या नीचे मार्केट नहीं जाएगा |

अगर कॉल के किसी स्ट्राइक प्राइस पर सबसे ज्यादा OI है तो इसका मतलब यह हुआ कि ऑप्शन सेलर को यह लगता है कि उस स्ट्राइक प्राइस के ऊपर प्राइस नहीं जाएगा ठीक इसका उल्टा पुट के लिए होता है | 

Change in OI

इसका भी डाटा लॉट के हिसाब से ही लिखा रहता है | यह हमे open interest के बदलाव को दिखाता है, मतलब यह हुआ कि कितने ऑप्शन सेलर ने अपनी position को क्लोज़ किया है | 

अगर वहाँ पर आपको -500 लिखा हुआ दिखता है तो इसका मतलब यह हुआ कि 500 लोगों ने अपनी position को क्लोज़ किया है | क्लोज़ करने का दो मतलब हो सकता है या उन्होंने अपना प्रॉफ़िट बुक किया है या स्टॉप – लॉस लिया है | 

यहाँ पर मैंने आपको 500 एक उदाहरण दिया है पर जब आप टेबल देखेंगे तो वहाँ पर आपको हजारों के नंबर देखने को मिलेंगे |  

change in OI से आपको बुलिश और बेयरिश sentiment के बारे में पता चल सकता है | 

वॉल्यूम (Volume) 

वॉल्यूम से हमे यह पता चलता है कि कुल उस दिन या उस समय तक कितने खरीद – बिक्री के ट्रेड हुए हैं | अगर वॉल्यूम 5000 दिखा रहा है तो इसका मतलब 2500 लोगों से खरीदा और 2500 लोगों ने बेचा, तब जाकर 5000 वॉल्यूम पूरा हुआ है | 

IV (Implied volatility)

IV कॉल और पुट ऑप्शन में होने वाली volatiltiy के बारे में जानकारी देती है | मतलब यह हुआ कि किसी स्ट्राइक प्राइस का कॉल एवं पुट ऑप्शन कितना volatile हो सकता है, इस चहेज़ का पता हमे IV से चलता है | 

अगर किसी कारणवश IV ज्यादा हो जाती है तो उसका ऑप्शन मेंहगा हो सकता है, अब भले ही वह कॉल का हो या पुट का | 

अगर किसी स्ट्राइक प्राइस का IV 20 या 20 से कम है तो वह ऑप्शन सही कीमत पर मिल सकती है और वहीं दूसरी तरफ अगर यही 30 से ऊपर चली जाती है तो वह ऑप्शन और भी महंगा हो जाता है | 

जब मार्केट में कोई भी न्यूज अचानक आती है तो उसमे IV बढ़ जाती है और भविष्य में कोई ऐसा event होने वाला होता है तो उसमे भी IV बहुत ज्यादा हो जाती है | 

LTP (last traded price)

यह हमे स्ट्राइक प्राइस के उस आखिरी premium प्राइस के बारे में बताता है जो कुछ समय पहल ट्रेड हुई होती है मतलब की जिस प्राइस पर खरीद – बिक्री हुई हो | 

यह हर समय बदलती रहती है क्यूँकी हर समय मरेक्ट में किसी प्राइस को कोई खरीद रहा होता है और किसी प्राइस पर कोई बेच रहा होता है | 

Change

LTP का प्राइस कितने पैसे से या कितने रुपये से बदला है, इस चीज का पता हमे change से चलता है | 

Ask Quantity

इससे हमे यह पता चलता है कि कितने लोग उस स्ट्राइक प्राइस के ऑप्शन को खरीदने का ऑर्डर लगाए हुए हैं | 

Bid Quantity

इससे हमे किसी स्ट्राइक प्राइस पर कितने bid place हुए हैं यानि कि bid order के बारे में जानकारी मिलती है | 

Bid Price

इसका मतलब हुआ कि buyer उस स्ट्राइक प्राइस को कितने पर खरीदना चाहते हैं | 

Ask price

ask प्राइस से हमे पता चलता है कि सेलर या बेचने वाले उस स्ट्राइक प्राइस को कितने पर बेचना चाहते हैं |  

स्ट्राइक प्राइस ( Strike Price)

ऑप्शन चैन में स्ट्राइक प्राइस सबसे महत्वपूर्ण होता है क्यूँकी option chain का डाटा स्ट्राइक प्राइस का ही दिया रहता है, जो हमे उस स्ट्राइक प्राइस के बारे में सब कुछ बताता है | 

जैसा कि मैंने आपको पहले भी बताया हुआ है यह टेबल के बिल्कुल बीच में होता है और इसके दोनों तरफ आपको कॉल एवं पुट का डाटा दिया रहता है | 

ATM का स्ट्राइक प्राइस हमेशा एक ही होगा और वह टेबल के बीच में होगा पर ITM और OTM का स्ट्राइक प्राइस अलग – अलग होगा | 

ATM से ऊपर की तरफ और नीचे की तरफ के 6 ऑप्शन में आप ट्रेडिंग कर सकते हैं क्यूँकी इसमे आपको अच्छी – खासी liquidity मिल जाती है | 

ऊपर दिए गए सभी 11 को जब आप मिल देते हैं और इस टेबल के रूप में प्रस्तुत करते हैं तो आपको option chain table मिलती है  |

जब आप option tabel खोलेंगे तो एक और चीज आप उसमे नोटिस कर सकते हैं और वह है टेबल का रंग | टेबल के कुछ – कुछ हिस्से आपको सफेद रंग के देखने को  मिलेंगे तो कुछ हिस्से पीले रंग के होंगे  | 

option chain table showing terms

तो अगर आपको ATM, OTM या ITM समझने में दिक्कत होती है तो आप रंग से भी इसके बारे में पता लगा सकते हैं | 

कॉल की तरफ टेबल का जो हिस्सा पीले रंग में होगा वह कॉल के ITM स्ट्राइक प्राइस को show करेगा और जो सफेद हिस्सा होगा वह OTM  के स्ट्राइक प्राइस के बारे में बताएगा | 

पुट ऑप्शन में भी आप इसी रंग से समझ सकते हैं कि ITM और OTM का स्ट्राइक प्राइस क्या होगा | पीला वाला हिसा ITM होगा और सफेद वाला हिस्सा OTM होगा | 

कॉल की तरफ ITM के स्ट्राइक प्राइस ऊपर की तरफ होंगे और पुट में यह नीचे की तरफ होंगे और OTM के स्ट्राइक प्राइस कॉल में नीचे होंगे और पुट में ऊपर होंगे | 

ऑप्शन चैन ऐनालीसिस क्या होता है ?

अलग – अलग स्ट्राइक प्राइस के OI (open interest) और change in OI को देखना ही option chain analysis कहते हैं | 

अगर आप ऑप्शन चैन एनालीसिस में महारत हासिल करना चाहते हैं तो आपको इसका OI कैसे बदल रहा है और उसके सात – साथ प्रीमियम कैसे चेंज हो रहा है उसे analyse करना होता है | जब आप इसे अच्छे से करना और समझना सीख जाते हैं तो आप option chain analysis करना सीख जाएंगे | 

पर इसको analyse कैसे करना है वह सबसे बड़ी दिक्कत है जिसका हल में आपको नीचे प्रदान कर देता हूँ |   

ऑप्शन चैन को कैसे पढ़े? | Option chain kaise padhe?

अगर आप ऑप्शन ट्रेडिंग करना चाहते हैं तो उसके लिए आपको ऑप्शन चैन को पढ़ना आना चाहिए | 

ऑप्शन चेन को पढ़ने के लिए सबसे पहले आपको ओपन इंटरेस्ट को समझना आना चाहिए एक क्योंकि ओपन इंटरेस्ट से आपको बहुत सारी जानकारी मिलती है जैसे की – 

मार्केट कहाँ जा सकता है और मार्केट का रेंज क्या हो सकता है एवं महत्वपूर्ण सपोर्ट और रेजिस्टेंस कहाँ – कहाँ पर है, इन सब चीजों का पता हमें सिर्फ ओपन इंटेरेस्ट से चल सकता है | 

तो चलिए अब मैं आपको बताता हूं कि ओपन इंटरेस्ट की सहायता से आप सपोर्ट और रेसिस्टेंस कैसे पता कर सकते हैं | 

  1. ओपन इंटरेस्ट की सहायता से सपोर्ट और रेजिस्टेंस पता करने की शुरुआत आपको उस स्ट्राइक प्राइस से करनी है जिसका ओपन इंटरेस्ट सबसे ज्यादा हो | 
  1. आप आपको एक चीज का इसमें बहुत अच्छे से ध्यान देना है और वह यह है कि कॉल की तरफ अगर ओपन इंटरेस्ट ज्यादा है तो वह रजिस्टेंस को दर्शाता है और पट की तरफ सपोर्ट को दर्शाता है | 
  2. कॉल की तरफ जिस स्ट्राइक प्राइस पर सबसे ज्यादा ओपन इंटरेस्ट है वह आपका रेजिस्टेंस होगा और पुट साइड आपका सपोर्ट होगा | 
  3. इससे आपको मार्केट का रेंज पता चल जाता है जिसके बाद आप Option chain trading strategy in hindi बना सकते हैं | 
  4. इस ओपन इंटरेस्ट को आपको ATM के स्ट्राइक प्राइस के आसपास ही ढूंढना है | 
  5. जब आपको सबसे ज्यादा वाला ओपन इंटरेस्ट मिल जाए तो उसके बाद आपको उससे थोड़ा कम वाला ओपन इंटरेस्ट खोजना है वह आपका दूसरा सपोर्ट और रेजिस्टेंस होगा | 

जब आप इस option chain डाटा को चार्ट में मौजूद सपोर्ट और रेजिस्टेंस के साथ मिला  देते हैं और उसे सपोर्ट और रेजिस्टेंस के पास प्राइस – एक्शन होने का इंतजार करते हैं तो वहां से आपको अच्छे ट्रेड मिल सकते हैं | 

इसके बाद दूसरी सबसे महत्वपूर्ण चीज आपको देखनी है वह है चेंज इन OI | चेंज इन वॉइस से हमें मार्केट सेंटीमेंट के बारे में पता चलता है जैसे की – मार्केट बुलिश हो सकता है या बेयरिश यह चीज का पता है हमे change in OI से चलता है | 

ऑप्शन change in OI मतलब
कॉल बढ़ रहा है (नए position बन रहे)बेयरिश
कॉलकम हो रहा है (position घट रहे)बुलिश
पुटबढ़ रहा है (नए position बन रहे)बुलिश
पुटकम हो रहा है (position घट रहे)बेयरिश
Table showing meaning of change in OI

जब आप ऑप्शन चेंन की  एनालिसिस कर रहे होते हैं तो यह दो चीज सबसे महत्वपूर्ण होती है | इसके बाद दूसरी जो सबसे महत्वपूर्ण चीज होती है वह होती है IV | 

अगर आपको उस हफ्ते या महीने का overall सेंटीमेंट जानना है की बुलिश है या बेयरिश तो उसके लिए आपको टेबल के नीचे की तरफ total OI (पुट और कॉल दोनों) को देखना है |

जब आपको यह मिल जाए तो उसके बाद इसकी सहायता से Option chain pcr ratio को निकालना है इसमें आपके ऊपर की तरफ पुट का OI रखना है और नीचे की तरफ कॉल का OI लिखना है | 

अगर pcr ratio आपका 0 से 1 के बीच में आता है तो यह बेयरिशनेस को दर्शाता है और अगर यही 1 से ज्यादा आता है तो बुलिशनेस को दर्शाता है | 

Pcr सेंटीमेंट
0 से 1 बेयरिश सेंटीमेंट
1 से ज्यादा बुलिश सेंटीमेंट
Table showing PCR value and its sentiment

Option chain analysis for intraday in hindi

इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए अगर आप ऑप्शन चैन की सहायता लेना चाहते हैं तो उसके लिए आपको चेंज इन ओपन इंटरेस्ट को ज्यादा महत्व देना है | 

सबसे पहले तो आपको सबसे ज्यादा वाले ओपन इंटरेस्ट को खोजना है क्योंकि इससे आपको सपोर्ट और रेजिस्टेंस पता चल जाएगा उसके बाद आपको उसका चेंज इन OI को देखना है | 

इसके बाद आपको कॉल और फुट तरफ के चेंज इन ओपन इंटरेस्ट की तुलना करनी है और देखना है कि किसके तरफ का चेंज इन OI ज्यादा घट – बढ़ रहा है | 

चेंज इन OI के साथ-साथ आपको प्रीमियम के घटने – बढ़ने को भी ध्यान देना है क्योंकि इससे आपको position के बारे में पता चलता है | 

नीचे में मैं आपको एक टेबल प्रदान कर रहा हूं जोकि आपको समझने में थोड़ा मुश्किल हो सकती है क्योंकि यह थोड़ा एडवांस है | 

OIPremiumPosition 
बढ़ रहा हैबढ़ रहा है long build up
कम हो रहा हैबढ़ रहा हैshort covering/unwinding
बढ़ रहा है कम हो रहा है short build up
कम हो रहा हैकम हो रहा है long unwinding
Table showing OI and premium relation

ऑप्शन चैन से क्या पता चलता है ?

मार्केट रेंज

ऑप्शन चेन की सहायता से हमें मार्केट के रेंज के बारे में पता चलता है की मार्केट किस प्राइस से किस प्राइस के बीच में रह सकता है | 

मार्केट डायरेक्शन

रेंज के अलावा मार्केट की दिशा का अंदाजा भी हम ऑप्शन चेंज की सहायता से लगा सकते हैं | 

सपोर्ट और रेजिस्टेंस

जैसा कि आपको मैंने ऊपर बताया हुआ है जिस स्ट्राइक प्राइस पर सबसे ज्यादा ओपन इंटरेस्ट होता है उसे स्ट्राइक प्राइस से हम सपोर्ट और रजिस्टेंस का पता लगते हैं | 

मार्केट सेंटीमेंट

कॉल और पुट तरफ के कुल (total) OI की मदद से आप मार्केट के बुलिश और बेयरिश सेंटीमेंट  के बारे में भी जान सकते हैं | 

पोजीशन की जानकारी

इसके अलावा अगर आप मोबाइल के काटने पढ़ने को प्रीवियस के खट्टे बढ़ाने के साथ जोड़ देते हैं तो उससे आपको मार्केट में बन रहे (buying) और कट रहे पोजीशन (selling) के बारे में भी पता चलता है |

मेरा नाम कौशल कुमार है और मैं इस वेबसाईट bharatinvestingerabykaushal का संस्थापक हूँ | मैं इस वेबसाईट के माध्यम से आप सभी को शेयर मार्केट की बारीक जानकारियों को बताना चाहता हूँ जिससे आप भी शेयर मार्केट से पैसे कमा सकें | मैं शेयर मार्केट में काफी समय से काम कर रहा हूँ और मेरा उद्देश है कि अपने अनुभव को आप तक पहुंचा सकूँ |

Leave a Comment