आज के इस लेख में हम म्यूचुअल फंड के नुकसान (Mutual fund ke nuksan in hindi) के बारे में बात करेंगे जी हां, आपने सही पढ़ा ऐसा मैं इसलिए बोल रहा हूं क्योंकि फायदे और नुकसान हर चीज के होते हैं |
आप चाहे स्टॉक में निवेश करें या म्यूचुअल फंड में निवेश करें फायदे तो आपको पता होते हैं पर नुकसान के बारे में आपको उतनी जानकारी नहीं होती है l
इसलिए आज हम म्यूचुअल फंड के नुकसान के बारे में जानेंगे और साथ में यह देखने का प्रयास करेंगे कि कैसे हम इन नुकसान से बच सकते हैं और अपना पैसा बचा सकते हैं l
म्यूचुअल फंड के नुकसान | Mutual fund ke nuksan in hindi
हाल ही के कुछ वर्षों में लोगों के अंदर निवेश करने की जागरूकता बढ़ गई है परंतु वह जोखिम से अनजान रहते हैं क्योंकि निवेश करने के बहुत सारे तरीके हैं और बहुत सारे ऑप्शंस भी हैं ऐसे में नए निवेशक गलती कर सकते हैं और अपना पैसा डूबा सकते हैं |
अगर कोई नया निवेशक अपना पैसा निवेश करना चाहता है तो वह सबसे पहले म्यूचुअल फंड का रास्ता अपनाता है क्योंकि आप चाहे टीवी देख रहे हो या मोबाइल देख रहे हो म्यूचुअल फंड का प्रचार आपको हर जगह देखने को मिल ही जाता है |
ऐसे में नए निवेशक म्यूचुअल फंड में निवेश करना चालू तो कर देते हैं परंतु वह म्यूचुअल फंड के नुकसान से अनजान रहते हैं |
इसलिए आज हम यह लेख लिख रहे हैं जिससे कि नए निवेशकों को यह जानकारी मिल सके कि म्यूचुअल फंड के फायदे तो होते हैं पर इसके नुकसान भी होते हैं, तो चलिए एक-एक करके हम म्यूचुअल फंड के नुकसान के बारे में जानते हैं |
1. म्यूचुअल फंड का रिटर्न स्टॉक मार्केट के रिटर्न से कम रहता है
म्यूचुअल फंड के नुकसान में अगर हम इसे सबसे पहले रखे तो गलत नहीं होगा क्योंकि स्टॉक की अपेक्षा म्यूचुअल फंड का रिटर्न हमेशा कम रहता है| अगर आपके पास सही स्टॉक चुनने का ज्ञान है तो आप म्यूचुअल फंड के रिटर्न को आसानी से मात दे सकते हैं |
ऐसा देखा गया है कि अगर आप लंबी अवधि के लिए सही और अच्छे स्टॉक में निवेश करते हैं तो आपका रिटर्न 20% तक और उससे ज्यादा भी जा सकता है परंतु अगर आप म्यूचुअल फंड में निवेश किए हैं तो आपको यही कुछ 12% से 13% तक ही रिटर्न मिल पाएगा |
अगर आप खुद से स्टॉक नहीं चुन सकते हैं तो आपके लिए सबसे अच्छा विकल्परी होगा कि आप म्यूचुअल फंड में निवेश करिए क्योंकि म्यूचुअल फंड में आपके पैसे को मैनेज करने के लिए एक फंड मैनेजर होता है जो आपके पैसे को न सिर्फ कम होने से बचाता है बल्कि उसे बढ़ाने में भी काम करता है |
वैसे अगर आप म्यूचुअल फंड के नुकसान को मात देकर ज्यादा रिटर्न कमाना चाहते हैं और डायरेक्ट स्टॉक में नहीं निवेश करना चाहते हैं तो आपके nifty ETF में निवेश करना काफी फायदेमंद हो सकता है | न सिर्फ निफ्टी के etf में बल्कि बैंक etf, IT ETF, pharma etf इत्यादि में भी निवेश कर सकते हैं |
2. Lock-in period से नुकसान
वैसे तो आपको अभी के समय में lock-in पीरियड वाले म्यूचुअल फंड स्कीम बहुत ही कम मिलेंगे | ELSS एक तरह का म्यूचुअल फंड स्कीम है जिसमें lock-in period 3 साल का रहता है इसका मतलब यह हुआ कि आप 3 साल तक उससे पैसा नहीं निकाल सकते है |
अगर आप ELSS स्कीम में निवेश करना चाहते हैं तो आपको वही पैसा निवेश करना चाहिए जिसकी जरूरत आपको आने वाले 3 सालों में ना पड़े |
बहुत सारे निवेशक ऐसे होते हैं जो अपना टैक्स बचाने के लिए ELSS स्कीम में निवेश करते हैं परंतु यह निवेश का तरीका सबके लिए सही नहीं हो सकता |
3. Expense ratio के नुकसान
Expense ratio वह न्यूनतम रैशीओ होती है जो आप जाने अनजाने में म्यूचुअल फंड हाउसेस और फंड मैनेजर को देते हैं |
जब भी आप किसी म्यूचुअल फंड में पैसा डालते हैं तो आपके लगाए हुए पैसों से कुछ प्रतिशत वह एक्सपेंस रैश्यो के रूप में कट जाता है जाता है |
इसका चलिए एक उदाहरण लेते हैं अगर मान लीजिए अपने ₹500 की SIP की हुई है और उसे म्यूचुअल फंड का एक्सपेंस रैश्यो 1% है तो जब भी आप ₹500 उसमें डालेंगे तो 500 का 1% जो की ₹5 होता है वह एक्सपेंस रैश्यो के रूप में कट जाएगा |
वैसे तो यह ₹5 आपको कम लग रहा होगा परंतु यही SIP आप अगले 10 साल तक करते हैं तो तो आप 10 साल में ₹600 एक्सपेंस रैश्यो के रूप में भरेंगे और सोचिए आप जैसे कितने लाखों लोग होंगे जो SIP कर रहे होंगे |
एक्सपेंस रैश्यो एक तरह का फीस होता है जो आपसे लिया जाता है जिससे फंड मैनेजर को सैलरी दी जाती है और फंड हाउस के खर्चे निकले जाते हैं |
4. Exit load से नुकसान
बहुत म्यूचुअल फंड स्कीम ऐसी होती है जिसमे अगर आप 6 महीने या फिर 1 साल से पहले पैसे निकालते हैं तो उसमे आपको कुछ प्रतिशत का exit load देना पड़ता है |
Exit load एक तरह का चार्ज है जो आपसे लिया जाता है जब आप बहुत कम समय में उस स्कीम से अपना पैसा रिडीम करते हैं |
वैसे भी अगर आप इतने कम समय के लिए म्यूचुअल फंड में निवेश कर रहे हैं तो आपको निवेश नहीं करना चाहिए क्योंकि इतने कम समय में अब अच्छा रिटर्न म्यूचुअल फंड से नहीं बना सकते |
5. कम समय के लिए निवेश करने से नुकसान
म्यूचुअल फंड के नुकसान में यह नुकसान बहुत लोगों को पता होता है पर इसे बहुत कम लोग ही फॉलो कर पाते हैं | अगर आप म्यूचुअल फंड के रास्ते निवेश करना चाहते हैं तो आपको इसे कम से कम 5 साल से 7 साल का समय देना चाहिए तभी आप इससे अच्छा मुनाफा बना पाओगे |
अगर आप म्यूचुअल फंड से सिर्फ दो या तीन साल में अच्छा रिटर्न बनाना चाहते हो तो इससे आपको सिर्फ निराशा का सामना करना पड़ेगा |
6. सही म्यूचुअल फंड स्कीम ना चुन पाने से नुकसान
हमारे अगले म्यूचुअल फंड के नुकसान में सही स्कीम ना चुन पाने का नुकसान बहुत बड़ा है इसका निवेशकों को भारी कीमत चुकाना पड़ सकता है |
निवेशकों को हमेशा अपने गोल और रिस्क के अनुसार ही म्यूचुअल फंड में निवेश करना चाहिए और स्कीम चुनना चाहिए अगर आप निवेश की दुनिया में नए हैं तो आप या गलती कर सकते हैं |
उदाहरण के लिए मान लीजिए अगर आपका गोल ज्यादा रिस्क लेकर ज्यादा रिटर्न बनाना तो आप स्मॉल कैप वाले म्यूचुअल फंड स्कीम में निवेश कर सकते हैं पर वहीं दूसरी तरफ अगर आप अपने रिटायरमेंट के उम्र में है तो आपको लार्ज कैप वाले म्यूचुअल फंड स्कीम में निवेश करना उचित रहेगा |
7. फंड मैनेजर के बदलने से नुकसान
म्यूचुअल फंड के नुकसान का यह हमारा अगला और महत्वपूर्ण कारण है | अगर आप किसी भी म्यूचुअल फंड स्कीम को देखें तो उसमें लिखा रहता है उस फंड मैनेजर का नाम जो म्यूचुअल फंड स्कीम को मैनेज करता है |
किसी शेयर से कब पैसा निकालना है किस शेयर में कितना पैसा डालना है और कब डालना है, यह सब म्यूचुअल फंड मैनेजर देखता है जिससे म्यूचुअल फंड का रिटर्न प्रभावित होता है |
यदि किसी कारण वश उस स्कीम का म्यूचुअल फंड मैनेजर बदल दिया जाता है तो उस म्यूचुअल फंड का रिटर्न कम ज्यादा हो सकता है |
इसलिए यदि आपको फंड मैनेजर के बदलने की सूचना मिलती है तो आप सबसे पहले उस फंड मैनेजर का पुराना रिकॉर्ड देखिए और यह सुनिश्चित करिए कि वह मैनेजर अच्छा है या नहीं |
8. म्यूचुअल फंड पोर्टफोलियो को ट्रैक न करने से नुकसान
भले ही आपका म्यूचुअल फंड एक म्यूचुअल फंड मैनेजर मैनेज करता है पर एक जिम्मेदार निवेशक होने के नाते यह आपका फर्ज बनता है कि आप अपने म्यूचुअल फंड पोर्टफोलियो को ट्रैक करें |
आपने काम से कम तीन-चार म्यूचुअल फंड स्कीम में पैसा लगाया है परंतु उसमें से एक म्यूचुअल फंड कुछ समय से अच्छा प्रदर्शन नहीं कर रहा है तो आप अपने उसे म्यूचुअल फंड का रिव्यू करें और उसे किसी दूसरे म्यूचुअल फंड के साथ रिप्लेस करे |
बहुत सारे निवेशक ऐसे होते हैं जो अपने म्यूचुअल फंड पोर्टफोलियो को ट्रैक नहीं करते हैं और ना ही उसका रिव्यू कर पाते हैं जिसके कारण वह अच्छा रिटर्न नहीं बना पाते हैं |
9. म्यूचुअल फंड के नुकसान को कम करने के लिए आप कुछ नहीं कर सकते
म्यूचुअल फंड पोर्टफोलियो में विभिन्न प्रकार के स्टॉक होते हैं जिसे म्यूचुअल फंड मैनेजर जोड़ता और निकलता रहता है |
अगर आपको म्यूचुअल फंड पोर्टफोलियो में कोई स्टॉक पसंद नहीं है तो आप उस स्टॉक को नहीं निकाल सकते आप कहना चाहते हुए भी आपका पैसा उसे शेयर में निवेश होगा |
परंतु यदि आप यही शेयर मार्केट में किसी स्टॉक में निवेश करते हैं तो आप जब चाहे उस शेयर को बेच सकते हैं । आपका म्यूचुअल फंड का रिटर्न पूर्ण रूप से फंड मैनेजर पर निर्भर करता है, जिसे बढ़ाने के लिए आप कुछ नहीं कर सकते |
10. अनिश्चित रिटर्न से नुकसान
अगर हम म्यूचुअल फंड के नुकसान की बात कर रहे हैं तो रिटर्न की अनिश्चिता का नुकसान भी बहुत बड़ा और ध्यान रखने वाला नुकसान है |
मार्केट में विभिन्न प्रकार के इनवेस्टमेंट ऑप्शन उपलब्ध हैं जो आपको fixed रिटर्न प्रदान करते हैं परंतु म्यूचुअल फंड एक ऐसा इनवेस्टमेंट ऑप्शन है जिसमे आपके रिटर्न की कोई भी गारंटी नहीं होती है |
इसमे रिटर्न की कोई गारंटी क्यूँ नहीं है ? इसमे रिटर्न की गारंटी इसलिए नहीं है क्यूंकी म्यूचुअल फंड वाले विभिन्न प्रकार के शेयर में निवेश करते हैं और शेयर कभी ऊपर जाता है तो कभी नीचे आता है, जिससे आपका रिटर्न कम ज्यादा होता है |
अगर आपने कभी दो-तीन साल के लिए म्यूचुअल फंड में निवेश किया है तो आपने यह देखा होगा कि कभी-कभी म्यूचुअल फंड एक या दो साल कोई रिटर्न नहीं देता है और कभी-कभी तो नेगेटिव रिटर्न भी देता है |
इसलिए अगर आप अपने रिटायरमेंट के उम्र में है या फिर इतना रिस्क नहीं लेना चाहते हैं तो आपको इक्विटी म्यूचुअल फंड में निवेश नहीं करना चाहिए |
म्यूचुअल फंड में जब तक आप पांच या उससे ज्यादा साल के लिए निवेश नहीं करेंगे तब तक आपको म्यूचुअल फंड से अच्छा रिटर्न प्राप्त होना बहुत ही मुश्किल है |
निष्कर्ष (Conclusion)
आज के इस लेख में हम ऐसे 10 म्यूचुअल फंड के नुकसान के बारे में जाना है, जिसे न करने से आप म्यूचूअल फंड से अच्छा रिटर्न बना सकते हैं |
FAQ
म्यूचुअल फंड के नुकसान क्या – क्या हैं ?
अनिश्चित रिटर्न का नुकसान, फंड मैनेजर के बदलने से नुकसान, म्यूचुअल फंड पोर्टफोलियो को ट्रैक न करने से नुकसान, सही म्यूचुअल फंड स्कीम ना चुन पाने से नुकसान, इत्यादि |
म्यूचुअल फंड में नुकसान कब होता है?
जब आप कम समय के लिए mutual fund में निवेश करते हैं तब आपको mutual fund में नुकसान होता है |
क्या म्यूचूअल फंड में नुकसान हो सकता है?
हाँ, बिल्कुल हो सकता है |
म्यूचुअल फंड के नुकसान से कैसे बच सकते हैं?
अगर आप ऊपर दी हुई गलतियाँ नहीं करोगे तो आप म्यूचुअल फंड के नुकसान से बच सकते हैं |
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