पॉलीगॉन की स्थापना भारत में अक्टूबर 2017 में हुई |इसके संस्थापक  जयंती कनानी, संदीप नेलवाल और अनुराग अर्जुन हैं |

वे पॉलीगॉन के वाइट पेपर के  माध्यम से एथेरियम - हाई गैस फी और नेटवर्क बाधाओं से जुड़े मुद्दों को संबोधित करने वाले पहले व्यक्ति थे।

एथेरेयम पर भरी मात्रा में यूजर हैं जिसके कारण उसका नेटवर्क स्लो हो जाता है | जिसके फलस्वरूप ज़्यादा फी लगती है और ट्रांज़ैक्शन में समय लगता है |

यह एक लेयर - 2 प्रोटोकॉल है जिसमे यह एथेरेयम पर आ रहे ट्रैफिक तो दूसरी तरफ सिडेचेन्स में डाइवर्ट कर देता है जिससे उसकी स्केलेबिलिटी वाली प्रॉब्लम को सॉल्व कर देता है |

polygon के जो व्हेल्स हैं जिसके पास 10,000 से 1,00,00,000 टोकन्स हैं उन्होंने 8.7% टोकन्स और उन्होंने खरीदे हैं पिछले ६ से ७ हफ़्तों में

polygon वालों ने KlimaDAO के साथ पार्टनरशिप किया है जिसमे वो कार्बन न्यूट्रैलिटी को कम करेंगे और कार्बन निगेटिव बनेगे |

ये कार्बन निगेटिव कैसे बनेगे ? ये  कार्बन क्रेडिट खरीद कर उन प्रोजेक्ट्स को फण्ड करेंगे जो क्लाइमेट चेंज के लिए काम करेंगे |