वैसे तो स्टॉक मार्केट में future और ऑप्शन बहुत ही रिस्की चीज़ होती है इसलिए बोला जाता है कि इसे ठीक से करना चाहिए |

पर अब जो कुछ लोग फ्यूचर और ऑप्शन करते थे, उनके लिए सरकार ने थोड़ा और समस्या बड़ा दी है |

सरकार ने फ्यूचर और ऑप्शन ट्रेडिंग पर STT (सिक्योरिटी ट्रांसक्शन टैक्स ) बढ़ाने का निर्णय लिया है |

नए वित्तीय वर्ष यानि 1 अप्रैल 2023 से ट्रेडर को फ्यूचर और ऑप्शन पर 25% ज़्यादा STT देना पड़ेगा |

जो जरुरत से ज़्यादा ट्रेड करते हैं, उनके लिए यह घाटे का सौदा हो सकता है और ऐसे में उन्हें ज़्यादा टैक्स चुकाना पड़ सकता है |

STT बढ़ने से रिटेल ट्रेडर की ट्रेडिंग कम होते हुए दिखेगी एवं फ्यूचर और ऑप्शन में लिक्विडिटी भी कम हो जाएगी |

अगर किसी ऑप्शन ट्रेडर का 1 करोड़ का टर्नओवर है तो उसे STT के रूप में 2100 रूपए देने पड़ेंगे जो पहले 1700 रूपए लगते थे  |

ऐसे ट्रेडर जिनका टर्नओवर फ्यूचर कॉन्ट्रैक्ट को सेल में 1 करोड़ का था, उसपे अब 1250 रूपए कर दिया गया है, जो 1,000 रूपए था |

फ्यूचर और ऑप्शन के अलावा फाइनेंस मिनिस्टर ने शेयर को खरीदने - बेचने पर भी चार्जेज बढ़ाये गए हैं |

Sebi के रिपोर्ट के मुताबिक 10 में से 9 ट्रेडर लॉस करते हैं, जो एक ट्रेडर प्रॉफिट भी कर रहा  वह भी अब लॉस करने लगेगा इस नए नियम से

साधारण ट्रेडर जो थोड़ा बहुत भी  प्रॉफिट करते थे , उनके लिए यह नया नियम मुश्किल साबित हो सकता है |

ऐसे में रिटेल ट्रेडर और इन्वेस्टर मार्केट में कभी भी सही तरीके से और लम्बे समय के लिए इस्थापित नहीं हो सकते |